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अब हवाई जहाज उड़ाना भी सिखाएंगे अडानी! 820 करोड़ में खरीद ली ये कंपनी

December 07, 2025

डेस्क: गौतम अडानी का कारवां अब सिर्फ एयरपोर्ट चलाने तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि अब वे आसमान में उड़ने वाले जहाजों और उन्हें उड़ाने वाले पायलटों की ट्रेनिंग पर भी अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. अडानी ग्रुप ने एविएशन सेक्टर में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए फ्लाइट सिमुलेशन टेक्नीक सेंटर (FSTC) में बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली है. यह सौदा 820 करोड़ रुपये की एंटरप्राइज वैल्यू पर हुआ है. अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL) ने यह कदम प्राइम एयरो सर्विसेज के साथ मिलकर उठाया है. इस डील की गूंज पूरे एविएशन बाजार में सुनाई दे रही है. आइए समझते हैं कि इस डील के क्या मायने हैं और यह कैसे पूरे सेक्टर की तस्वीर बदल सकती है.

अडानी समूह के लिए यह अधिग्रहण महज व्यापार का विस्तार नहीं है, बल्कि एक ‘इकोसिस्टम’ तैयार करने की कोशिश है. एफएसटीसी कोई छोटी-मोटी कंपनी नहीं है; यह भारत की सबसे बड़ी इंडिपेंडेंट फ्लाइट ट्रेनिंग कंपनी है. जब आप सुनते हैं कि भारत में पायलटों की कमी है या ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है, तो FSTC जैसी कंपनियां ही उस कमी को पूरा करती हैं. इस कंपनी के पास गुरुग्राम और हैदराबाद में अत्याधुनिक सिमुलेशन सेंटर हैं. इसके अलावा, हरियाणा के भिवानी और नारनौल में इनके बड़े फ्लाइंग स्कूल भी चलते हैं. यानी, अब अडानी ग्रुप के पास पायलटों को जमीन पर ट्रेनिंग देने से लेकर उन्हें आसमान में उड़ाने तक का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद होगा.


दरअसल, FSTC के पास 11 फुल-फ्लाइट सिमुलेटर और 17 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट हैं. सबसे खास बात यह है कि इनके ट्रेनिंग प्रोग्राम को न केवल भारत के डीजीसीए (DGCA) से, बल्कि यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) से भी मान्यता मिली हुई है. इसका सीधा मतलब है कि यहां से ट्रेनिंग लेने वाले पायलटों की साख पूरी दुनिया में होती है. अडानी एंटरप्राइजेज का मानना है कि सिमुलेटर-बेस्ड ट्रेनिंग भविष्य की जरूरत है. यह न केवल सुरक्षित है, बल्कि असली जहाज उड़ाने की तुलना में काफी सस्ती भी पड़ती है. विशेषकर डिफेंस और कमर्शियल पायलटों की ट्रेनिंग में इससे एफिशिएंसी कई गुना बढ़ जाती है.

इस डील का सबसे बड़ा असर यह होगा कि अडानी ग्रुप अब एविएशन सेक्टर का ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ बन जाएगा. अडानी के पास पहले से ही एयर वर्क्स और इंडामर टेक्निक्स जैसी कंपनियां हैं, जो विमानों की मरम्मत और रखरखाव (MRO) का काम करती हैं. अब FSTC के जुड़ने से यह सर्कल पूरा हो गया है. मतलब कंपनी को अपने जहाज के रखरखाव के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं होगी और न ही अपने पायलटों की ट्रेनिंग के लिए किसी दूसरी एजेंसी को तलाशना होगा. अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ आशीष राजवंशी ने भी इसे एक ‘इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म’ बनाने की दिशा में अगला कदम बताया है.

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