
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Congress MP Shashi Tharoor) ने केरल (Kerala) के चल रहे 12वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (IFFK) से जुड़े विवाद को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है। केंद्र सरकार के केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) ने कई फिल्मों की स्क्रीनिंग की इजाजत देने से मना कर दिया था, जिससे तिरुवनंतपुरम में कई स्क्रीनिंग रद्द हो गई।
मीडिया से बात करते हुए थरूर ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमारे यहां सिनेमाई संस्कृति का सम्मान करने की बहुत अच्छी परंपरा है। हमारे यहां गोवा और केरल में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल हुए हैं। अभी, यह सात फिल्मों की लिस्ट तक सीमित हो गया है। लेकिन किसी भी फिल्म को रोका नहीं जाना चाहिए… पहले जिन फिल्मों पर बैन लगाया गया था या जिन्हें क्लियरेंस देने से रोका गया था, वे हास्यास्पद थीं… हमारे नौकरशाहों को और ज्यादा समझदारी दिखानी होगी क्योंकि इससे भारत की छवि दांव पर लगी है।”
इससे पहले एक ट्वीट में, कांग्रेस सांसद ने लिखा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तिरुवनंतपुरम में केरल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली 19 फिल्मों को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी न दिए जाने पर एक अजीब विवाद खड़ा हो गया है।” केरल सरकार ने भी तय फिल्मों की स्क्रीनिंग की अनुमति न देने के केंद्र सरकार के फैसले को अस्वीकार्य बताया।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लिखा, “केरल के 30वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली फिल्मों को स्क्रीनिंग की अनुमति न देने का केंद्र सरकार का फैसला अस्वीकार्य है।” राज्य सरकार ने IFFK 2025 में फिल्मों की स्क्रीनिंग पर बैन को देश में विरोध की आवाजों और अलग-अलग क्रिएटिव अभिव्यक्तियों का उदाहरण बताया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, “फिल्म फेस्टिवल में लगाई गई सेंसरशिप संघ परिवार सरकार के तानाशाही शासन का एक स्पष्ट उदाहरण है, जो देश में विरोध की आवाजों और अलग-अलग क्रिएटिव अभिव्यक्तियों को दबाना चाहता है। जागरूक केरल सेंसरशिप के ऐसे कामों के आगे नहीं झुकेगा। जिन सभी फिल्मों को स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी गई थी, उन्हें फेस्टिवल में दिखाया जाएगा।”
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