
यहां सीना ताकर अधिकारी आते हैं, इसीलिए झुकना शान के खिलाफ मानते हैं… कोई मुख्यमंत्री के नाम की पर्ची फाड़ता है तो कोई नेताओं का नाम छाती पर लगाता है… इसीलिए ना कोई नियम-कानून मानता हैं और ना फर्ज की जिम्मेदारी निभाता है… हर कोई इस शहर में रौब और दबदबा दिखाकर अपनी कीमत बढ़ाता है… फिर कोई ट्रक लोगों को कुचल जाए या फिर विदेशी महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी छेड़छाड़ की शिकार हो जाए… स्वच्छता का तमगा सीने पर लगाकर गर्व से छाती चौड़ी करने वाले शहर का सर शर्म से झुक जाए या महिलाओं के सम्मान का ढिंढोरा पीटने वाले प्रदेश का नाम एक लफंगे की वजह से मिट जाए… किसे फर्क पड़ता है… अधिकारी बाहर से आए हैं बाहर चले जाएंगे… यहां से हटाएंगे तो कहीं और बिठाएंंगे… जहां बिठाएंगे वहीं पर्ची और नाम काम आएंगे… शहर बदल रहा है… जितना ऊपर चढ़ रहा है उतना नीचे गिर रहा है… इस शहर को आगे बढ़ाने वाले अपने शहर से प्यार करते हैं… इसे अपनी धरती मानते हैं… यहीं अपना भविष्य निहारते हैं… यहां उनका बचपन भी होता है … यहीं जवानी होती है और यहीं निशानी होती है… लेकिन जो यहां राज करने आते हैं… जो अधिकारी भेजे जाते हैं… वो इसके सम्मान और अपमान की परवाह नहीं पालते हैं… इसीलिए विदेशी खिलाडिय़ों की सुरक्षा का भान उन्हें नहीं आता है… इतनी बड़ी जिम्मेदारी को नहीं निभाया जाता है… पुरुष क्रिकेट टीम के लिए पलक-पावड़े बिछाए जाते हैं… भारी सुरक्षा में लाए-ले जाए जाते हैं… लेकिन महिलाओं के सम्मान के आदर्श को खूंटी पर टांगकर अधिकारी उन्हें हैवानों के हवाले कर आते हैं… हम पश्चिमी संस्कृति को विकृति मानते हैं… भारतीय संस्कृति के गुणगान गाते हैं… संस्कारों की पाठशाला लगाते हैं… प्रवचनों के लिए कतार लगाते हैं… बड़े से बड़े साधु संस्कृति और संस्कार के बखान करते नजर आते हैं लेकिन हमारे इसी शहर में एक लफंगा भारतीय संस्कारों और संस्कृति का ऐसा परिचय उस विदेशी खिलाड़ी को दे जाता है कि उसे अपनी पश्चिमी संस्कृति पर नाज आता है… वो भले ही कम कपड़े पहनते हैं, लेकिन फिर भी उनके पहने हुए कपड़े नहीं उतरते हैं… हम ढंके रहते हैं लेकिन फिर भी हमारे यहां लफंगे नग्नता का प्रदर्शन करते हैं… हम जितना भी अपनी सभ्यता का बखान कर लें, लेकिन वो एक खिलाड़ी अपने देश जाकर अपनी दास्तां सुनाएगी तो वो एक असभ्यता हमारे संस्कार और संस्कृति पर भारी पड़ जाएगी… जिसकी जिम्मेदार हमारी वो पुलिस है जिसने अपना फर्ज नहीं निभाया… महिला खिलाडिय़ों की सुरक्षा के प्रोटोकाल तक का जिम्मा नहीं उठाया…
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