
1. ट्रंप सरकार का ऐलान- अब रद्द किए जाएंगे चीनी छात्रों के वीजा, शिक्षा जगत में मचा हडकंप
अमेरिका (America) की डोनाल्ड ट्रंप सरकार (Donald Trump government) ने चीन के छात्रों (Chinese students) पर सीधा निशाना साधा है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Secretary of State Marco Rubio) ने ऐलान किया है कि चीनी छात्रों (Chinese students) के वीजा (Visa) अब आक्रामक तरीके से रद्द किए जाएंगे। इस फैसले को लेकर शिक्षा जगत में हलचल है, क्योंकि यह सीधे-सीधे अमेरिका में पढ़ने आए हज़ारों विदेशी छात्रों को प्रभावित कर सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को कहा कि सरकार “आक्रामक तरीके से चीनी छात्रों के वीजा रद्द करेगी”। यह कदम खास तौर पर उन छात्रों को निशाना बनाएगा जिनका संबंध चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से है या जो अमेरिका के लिए संवेदनशील माने जाने वाले क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हैं।
2. एक साल बाद इतना ज्यादा कोविड पॉजिटिविटी रेट, बढ़ रहा नया NB1.8.1 वैरिएंट, जानें WHO क्या बोला…
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 (COVID-19) वायरस की फिर से बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई है. WHO के मुताबिक फरवरी 2025 के मध्य से दुनियाभर में SARS-CoV-2 वायरस की गतिविधि में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. WHO के आंकड़ों के अनुसार कोविड टेस्ट में पॉजिटिविटी रेट (positivity rate) 11% तक पहुंच गई है, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे अधिक है. WHO का कहना है कि यह बढ़ोतरी विशेष रूप से ईस्टर्न मेडिटेरेनियन (पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र), साउथ-ईस्ट एशिया, वेस्टर्न पैसिफिक (पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र) के क्षेत्रों में देखी जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि 2025 की शुरुआत से कोरोना वैरिएंट्स के ट्रेंड में थोड़ा बदलाव आया है. LP.8.1 वैरिएंट घट रहा है. जबकि NB.1.8.1 को Variant Under Monitoring (निगरानी वैरिएंट) की श्रेणी में रखा गया है, इसके केस तेजी से बढ़ रहे हैं. मई 2025 के मध्य तक यह वैरिएंट दुनियाभर में रिपोर्ट किए गए कुल जीनोमिक सीक्वेंसेस का 10.7% बन चुका है. WHO के मुताबिक मौजूदा संक्रमण स्तर पिछले साल के इसी समय जैसी ही स्थिति को दर्शाते हैं, WHO ने यह भी कहा कि अब तक कोविड-19 के प्रसार में कोई स्पष्ट मौसमी पैटर्न नहीं दिखा है. इसके अलावा अभी भी कई देशों में निगरानी की व्यवस्था सीमित है, जो एक चिंता का विषय है.
3. जस्टिस यशवंत वर्मा ही नहीं अब तक 5 जजों के खिलाफ लाया गया महाभियोग, एक को कांग्रेस ने बचाया
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) अपने सरकारी आवास में बड़े पैमाने पर कैश पाए जाने के मामले में घिरे हुए हैं। हाल ही में रिटायर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना (Chief Justice Sanjiv Khanna) ने उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए तीन जजों की एक कमेटी गठित की थी। उनके घर तक जाकर जांच करने के बाद समिति ने जो रिपोर्ट संजीव खन्ना को दी थी, उसमें उन्हें दोषी पाया गया है। इसके आधार पर ही तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने पीएम और राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में उनके खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की गई है। अब चर्चा है कि सरकार संसद के आने वाले मॉनसून सेशन में कोई प्रस्ताव ला सकती है। सत्ताधारी गठबंधन एनडीए के पास राज्यसभा से लेकर लोकसभा तक में बहुमत है। फिर भी सरकार चाहेगी कि विपक्ष को भी इस संवेदनशील मामले में साथ लिया जाए।
4. चंद्रबाबू नायडू फिर चुने गए TDP के अध्यक्ष, बेटे को कमान सौंपने की अटकलों पर लगा विराम
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh ) के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (Chief Minister N. Chandrababu Naidu) को एक बार फिर तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) का अध्यक्ष (President of Telugu Desam Party(TDP) चुना गया है। इस फैसले से साफ हो गया है कि पार्टी में अभी भी नायडू का दबदबा बना हुआ है। साथ ही, उनके बेटे नारा लोकेश को लेकर जो कयास लगाए जा रहे थे कि वो पार्टी की कमान संभाल सकते हैं, उन पर भी फिलहाल रोक लग गई है। यह ऐलान टीडीपी के सालाना महानाडु सम्मेलन में चुनाव समिति के अध्यक्ष वरला रामैया ने किया। इस तरह दोबारा चुनाव के साथ ही चंद्रबाबू नायडू ने टीडीपी के अध्यक्ष पद पर 30 साल पूरे कर लिए हैं। उन्होंने 1995 में पहली बार पार्टी की कमान संभाली थी और तब से लेकर अब तक पार्टी के नायक बने हुए हैं। महनाडु के दूसरे दिन नायडू ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को एकजुट रहने का संदेश दिया। गौरतलब है कि टीडीपी भी एनडीए का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “2024 से बड़ी जीत हमें 2029 में दर्ज करनी है और इसके लिए गठबंधन को मजबूत रहना होगा। आप सबको इसका संकल्प लेना है।”
5. WMO की चेतावनी- 5 साल वैश्विक तापमान से राहत की उम्मीद नहीं, बारिश-गर्मी के टूटेंगे सभी रिकॉर्ड
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) (World Meteorological Organization (WMO) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अगले पांच वर्षों (2025-2029) में वैश्विक तापमान (Global temperature) में कोई राहत की उम्मीद नहीं है। बुधवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान औसत वैश्विक तापमान के 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने की 70 प्रतिशत संभावना है, जो पेरिस समझौते के लक्ष्य से ऊपर है। इसके साथ ही, 80 प्रतिशत संभावना है कि अगले पांच वर्षों में से कम से कम एक वर्ष 2024 के रिकॉर्ड-तोड़ गर्म वर्ष (Record-breaking hot year) से भी अधिक गर्म होगा। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब दुनिया लगातार दो सबसे गर्म वर्षों (2023 और 2024) का सामना कर चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, धरती पर तापमान ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर बने रहने की संभावना है।
6. ट्रंप सरकार का अजीब दावा- टैरिफ लगाने की शक्तियां कम हुई तो टूट सकता है भारत-पाक सीजफायर..
टैरिफ (Tariff) को लेकर एक अमेरिकी कोर्ट में (American Court) चल रहे मुकदमे की सुनवाई के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की सरकार (Donald Trump’s government) ने अजब-गजब दावा किया है। ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि अगर कोर्ट ने सरकार की टैरिफ लगाने की शक्तियों को सीमित किया, तो भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच हुआ सीजफायर (ceasefire) टूट सकता है। बता दें कि ट्रंप सरकार कोर्ट में दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक टैक्स लगाने के अपने हालिया फैसले का बचाव कर रही थी। एक रिपोर्ट में अदालती दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि टैरिफ लगाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा आपातकालीन शक्तियों के उपयोग का बचाव करते हुए ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले हफ्ते यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड से कहा कि ट्रंप की इन टैरिफ शक्तियों को सीमित करने से अमेरिका के व्यापार सौदों को नुकसान होगा। इस दौरान अधिकारियों ने यह भी कहा कि टैरिफ लगाने की शक्तियां कम करने से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम खतरे में पड़ जाएगा।
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) को एक बार फिर कोर्ट (court) से बड़ा झटका लगा है. कारण, अमेरिका (America) की एक कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ (Liberation Day tariff) पर रोक लगा दी है. मैनहैटन स्थित एक संघीय अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया और ऐसा कदम उठाया जो अमेरिकी संविधान के खिलाफ है. दरअसल, ट्रंप ने उन देशों से आने वाले सामान पर समान रूप से टैक्स लगाने का आदेश दिया था, जो अमेरिका से कम सामान खरीदते हैं और उसे ज्यादा सामान बेचते हैं. इस कदम को ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ कहा गया था. ट्रंप प्रशासन ने अप्रैल में ही तमाम देशों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. लेकिन इस फैसले को अमेरिका के व्यापारियों ने कोर्ट में चुनौती दी थी.
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