
कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस की टीमें जुटी तलाश में दवा व्यापारी फरार
इंदौर। सूरत ( Surat) में बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (fake Remedesvir injection) की एक बड़ी खेप आरोपी मिश्रा ने इंदौर में दवा बाजार के एक व्यापारी को बेची है। इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस (police) ने वहां छापा मारा, लेकिन तब तक वह फरार हो चुका था। अब पुलिस मोबाइल कॉल डिटेल (mobile call detail) के आधार पर उसकी तलाश कर रही है।
कुछ दिन पहले सूरत पुलिस ने एक फार्म हाउस में चल रही नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री (factory) पकड़ी थी। पुलिस ने इस मामले में पुनीत शाह और कौशल वोरा को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने बताया था कि इन लोगों ने जबलपुर, इंदौर और कई अन्य शहरों को हजारों की संख्या में नकली इंजेक्शन (Injection) सप्लाई किए हैं, जो ग्लूकोस और नमक से बनाए गए। इसके बाद गुजरात पुलिस (Gujarat police) के सहयोग से इंदौर पुलिस ने सुनील मिश्रा को गिरफ्तार किया था और अपने साथ ले गई थी। इस संबंध में एसपी आशुतोष बागरी ने बताया कि मिश्रा से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था और कुछ नकली इंजेक्शन जब्त किए थे, लेकिन अभी नाममात्र के इंजेक्शन तो 246039-ए बैच के ही जब्त हुए हैं, लेकिन जांच में पता चला है कि मिश्रा ने सौ से अधिक नकली इंजेक्शन (Injection) दवा बाजार (Drug market) के एक व्यापारी को बेचे हैं। इस पर टीम ने वहां छापा मारा तो वह फरार हो गया। उसके मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर उसकी तलाश की जा रही है। वहीं उन्होंने बताया कि इस मामले मेें पकड़े गए सभी आरोपियों के खिलाफ गैर-इरादन हत्या की धारा भी बढ़ा दी गई है। उनका कहना है कि मिश्रा के संपर्क में आए लोगों से बात की जा रही है, लेकिन वे सामने नहीं आ रहे हैं। इसके चलते पुलिस अपने स्तर पर ही इस बैच के इंजेक्शन बाजार में न पहुंचें इसका प्रयास कर रही है। कई टीमें लगाई गई हैं, जो अस्पतालों से इस बैच के इंजेक्शन (Injection) की जानकारी जुटा रही हैं। उन्होंने अपील भी की है कि जिन लोगों को इंजेक्शन की आवश्यकता है वे तय दुकान से ही खरीदें। ऐसे लोगों से इंजेक्शन (Injection) लेना उनके मरीज की जान ले सकता है।
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