
भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के 10 हजार स्कूली बच्चों (school children) पर इस समय संकट मंडरा रहा है. 1 अक्टूबर 2025 से इन सभी छात्रों की शिक्षा बाधित भी हो सकती है. ये फैसला प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा लिया गया है. एसोसिएशन ने बताया कि मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिती खराब है ऐसे में आरटीई एडमिशन के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई कर रहें छात्रों की फीस जमा न होने से ये फैसला लिया गया है.
निजी स्कूल एसोसिएशन ने राज्य शिक्षा केन्द्र को अल्टीमेटम देते हुए आरटीई एडमिशन वाले बच्चों को न पढ़ाने का फैसला लिया है. एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि अगर 30 सितंबर तक फीस जमा नहीं होती है तो ये छात्र स्कूल आने से बाध्य रहेंगे. स्कूल संचालकों ने कहा है कि 30 सितंबर तक विभाग बच्चों का फीस चुकाए.
भोपाल प्राइवेट स्कूल संचालकों ने बताया कि शहर के करीब 1200 निजी स्कूलों में लगभग 10 हजार छात्रों के फीस 3 साल से जमा नहीं किए गए हैं. RTE के तहत प्रेवश तो हो गया लेकिन विभाग ने स्कूल फीस अबतक नहीं जमा की है.
संचालकों ने बताया कि ऐसे बच्चे जो गरीबी रेखा में आते हैं या फिर निजी स्कूलों में पढ़ने के योग्य नहीं है उन्हें सरकार RTE के तहत प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिलाती है. स्कूल की फीस भी सरकार कवर करती है. निजी स्कूलों में बच्चों की फीस के तहत ही शिक्षकों को वेतन दिया जाता है. तीन सालों से फीस बकाया है त्योहारी सीजन है ऐसे में शिक्षकों के फीस पर भी संकट है. राज्य शिक्षा केन्द्र को इसके लिए ज्ञापन दिया गया है अब आगे देखना है इस संबंध में क्या सुनवाई होती है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved