
इंदौर। जी का जंजाल बने बीआरटीएस को तोडऩे और नया बनाने में भी अभी नगर निगम को सालभर से अधिक का समय लग जाएगा। पहले तो तोडऩे के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल रहा था और चौथी बार टेंडर के लिए जैसे-तेसे दो ठेकेदारों को तैयार किया। उसमें से एक ठेकेदार फर्म ने 2 करोड़ 55 लाख रुपए का टेंडर मंजूर किया है, तो दूसरी तरफ 1 करोड़ 71 लाख 51 लाख का टेंडर दिया है। हालांकि निगम ने पौने 4 करोड़ रुपए तक की राशि तय की थी। मगर अब उससे कम ढाई करोड़ वाले टेंडर को मंजूरी दी जा सकती है। 11 किलोमीटर के बीआरटीएस को निगम टुकड़ों में तुड़वाएगा और ठेकेदार को भी यह राहत दी जाएगी कि वह हर दो किमी का हिस्सा तोड़ता जाए उसकी राशि निगम में जमा करे।
पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीआरटीएस हटाने की घोषणा की और उसके बाद हाईकोर्ट ने भी सहमति दे दी। निगम के महापौर ने ताबड़तोड़ बीआरटीएस हटाने की प्रक्रिया शुरू की, तो एक दिन बाद ही ठप पड़ गई। उसके बाद निगम ने अभी चौथी बार टेंडर बुलाए। निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेन्द्र राठौर के मुताबिक टेंडर खुले, जिसमें ठेकेदार दिनेश यादव खुजनेर राजगढ़ ने 2.55 करोड़ का ऑफर दिया है। हालांकि यह राशि निगम द्वारा चाही गई 3.68 करोड़ से कम है। मगर चूंकि तीन बार कोई ठेकेदार ही नहीं आया इसलिए अब इस कम राशि के टेंडर को भी मंजूरी देने के प्रयास किए जाएंगे। इस बारे में उनकी महापौर से चर्चा भी हो चुकी है। अवकाश पर गए निगमायुक्त के आ जाने पर टेंडर मंजूरी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राठौर के मुताबिक हर 2-2 किलोमीटर का हिस्सा ही तुड़वाएंगे और ठेकेदार को यह भी मोहलत दी गई है कि वह ठेके की राशि एकमुश्त जमा करने के बजाय किश्तों में जमा कर सकता है। 11 किलोमीटर के बीआरटीएस पर दोनों तरफ लगी रैलिंगों को निकालने, बस स्टॉप को तोडऩे के साथ अन्य कार्य यह ठेकेदार एजेंसी करेगी और टेंडर की राशि निगम को जमा करेगी और जो भंगार यानी लोहा-लंगड़ निकलेगा उसे वह बेच भी सकेगी।
बीम को तोडऩा चुनौती
निगम के अधिकारियों का भी मानना है कि इस ठेकेदार फर्म द्वारा इस काम को तो ले लिया गया है, लेकिन इस कॉरिडोर में लोहे की जालियों के नीचे बने सीमेंट के पक्के बीम को तोडऩा चुनौती है। यह बीम इतना ज्यादा मजबूत है कि इसे तोडऩे के लिए नगर निगम द्वारा खुद ही एक पूरी रात जेसीबी लगाई गई, लेकिन यह भी जरा सा भी नहीं टूटा।
तोडऩे के लिए देंगे 90 दिन का वक्त
इंदौर नगर निगम द्वारा बीआरटीएस के कॉरिडोर को तोडऩे के लिए ठेकेदार को 90 दिन का वक्त दिया जाएगा। निगम के अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर ने बताया कि इसे तोडऩे के टेंडर को अगले एक सप्ताह में मंजूरी देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि निगम की टेंडर कमेटी की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। उसके बाद यह प्रस्ताव निगम आयुक्त के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। आयुक्त से मंजूरी मिलते ही इस एजेंसी के नाम पर वर्कआर्डर जारी कर दिया जाएगा। बीआरटीएस कॉरिडोर को तोडऩे के टेंडर को महापौर परिषद में मंजूरी के लिए ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
तीन पैकेज में डिवाइडर लाइटिंग सौंदर्यीकरण का ठेका भी
बीआरटीएसतोडऩे के साथ उसे समतल कर डिवाइडर बनाने, लाइटिंग और सौंदर्यीकरण का ठेका भी तीन पैकेज में दिया जा रहा है, ताकि काम जल्द ही पूरा हो सके। लगभग 12 करोड़ रुपए की राशि इस पर निगम खर्च करेगा और अभी दो पैकेज के टेंडर मंजूर हो चुके हैं। तीसरे पैकेज के लिए भी निगम ने टेंडर जारी कर दिए हैं। तोडऩे और नवनिर्माण का काम निगम के मुताबिक एक साथ चलेगा।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved