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11 साल पहले जिला अस्पताल में हुई थी मौत, अब आत्मा लेने आए परिजन

May 23, 2025

बूंदी: राजस्थान के बूंदी जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने 21वीं सदी में भी अंधविश्वास की गहरी जड़ों को उजागर किया है. जिला अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड के बाहर शुक्रवार, 23 मई 2025 को एक सनसनीखेज तमाशा देखने को मिला, जब 11 साल पहले मर चुकी कैलाशी बाई के परिजन उनकी आत्मा को “लेने” के लिए अस्पताल पहुंचे. यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए आश्चर्यजनक थी बल्कि सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है.

कैलाशी बाई की मृत्यु 2014 में बूंदी जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी. उनके परिजनों का दावा है कि उनकी आत्मा अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में ही भटक रही है और हाल ही में हुई कुछ असामान्य घटनाओं के कारण उन्हें यह विश्वास हुआ कि उनकी आत्मा को मुक्त करने की जरूरत है. इस विश्वास के चलते परिजनों ने एक तांत्रिक के साथ मिलकर अस्पताल के बाहर एक विशेष अनुष्ठान करने का फैसला किया. शुक्रवार सुबह परिजन तांत्रिक के साथ अस्पताल पहुंचे और ट्रॉमा वार्ड के बाहर अनुष्ठान शुरू कर दिया. इस दौरान मंत्रोच्चार, धूप-दीप और अन्य पूजा सामग्री का उपयोग किया गया, जिसने वहां मौजूद मरीजों और कर्मचारियों को हैरान कर दिया.


अस्पताल प्रशासन के अनुसार, यह अनुष्ठान करीब एक घंटे तक चला. इस दौरान परिजनों ने दावा किया कि वे कैलाशी बाई की आत्मा को किसी बर्तन या पात्र में “कैद” कर रहे थे ताकि उसे मुक्ति दी जा सके. इस घटना ने न केवल अस्पताल के सामान्य कामकाज को प्रभावित किया बल्कि वहां मौजूद लोगों में भय और उत्सुकता का माहौल भी पैदा कर दिया. कुछ मरीजों और उनके तीमारदारों ने इस घटना को अंधविश्वास का खुला खेल बताया, जबकि कुछ ने इसे परंपराओं का हिस्सा मानकर समर्थन किया.

स्थानीय पुलिस को सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की गई. अयाना थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और परिजनों से पूछताछ शुरू की. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि परिजनों का कहना है कि हाल ही में उनके घर में कुछ असामान्य घटनाएं हुई थीं, जैसे रात में अजीब आवाजें सुनाई देना और वस्तुओं का अपने आप हिलना. एक स्थानीय तांत्रिक ने उन्हें सलाह दी थी कि यह सब कैलाशी बाई की आत्मा की वजह से हो रहा है, जो अस्पताल में ही भटक रही है. इस सलाह पर परिजन तांत्रिक के साथ अस्पताल पहुंचे और यह अनुष्ठान किया.

बूंदी के जिला मजिस्ट्रेट ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने अस्पताल प्रशासन से पूछा है कि इतने बड़े स्तर पर अंधविश्वास से जुड़ा अनुष्ठान अस्पताल परिसर में कैसे हो सका? साथ ही पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि तांत्रिक और परिजनों से गहन पूछताछ की जाए ताकि इस घटना के पीछे की सच्चाई सामने आ सके. पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा की है और इसे अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला कृत्य बताया.

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