
श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर में (In Jammu-Kashmir) 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (11th International Yoga Day) उत्साह के साथ मनाया गया (Celebrated with Enthusiasm) । ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की थीम के तहत, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक मेंढर और नौशेरा से लेकर अखनूर और राजौरी तक, लोगों ने योगाभ्यास किया।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), जिला प्रशासन, स्कूलों और स्थानीय समुदायों ने मिलकर योग सत्रों का आयोजन किया, जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। यह आयोजन न केवल स्वास्थ्य जागरूकता का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव को भी दर्शाया। सीमावर्ती इलाकों से लेकर शहरों तक 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। एलओसी से सटे मेंढर के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (छात्र) में सुबह-सुबह योग सत्र का आयोजन हुआ। स्थानीय लोग, छात्र और शारीरिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी उत्साह के साथ शामिल हुए। एसडीआरएफ टीम ने भी इस कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई। प्रतिभागियों ने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और ध्यान जैसे योगासनों का अभ्यास किया और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संकल्प लिया।
मेंढर में आयोजित इस सत्र में योग के महत्व पर जोर देते हुए प्रतिभागियों को बताया गया कि नियमित योग से तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। कार्यक्रम का समापन ‘योग करो, निरोग रहो’ के संदेश के साथ हुआ, जिसमें सभी ने दैनिक जीवन में योग को अपनाने की प्रतिबद्धता जताई। सुंदरबनी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के क्षेत्रीय मुख्यालय में भी 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन हुआ। उप महानिरीक्षक के नेतृत्व में बीएसएफ कर्मचारियों ने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास किया। सुंदरबनी के अलावा, बीएसएफ की विभिन्न इकाइयों ने अखनूर, गढ़खाल, कानाचक, परगवाल और नौशेरा में भी योग कार्यक्रम आयोजित किए। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास कई चौकियों पर बीएसएफ जवानों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर योग किया।
राजौरी जिले में भी योग दिवस का उत्साह देखने लायक था। जिले के 30 अलग-अलग स्थानों पर सरकारी कर्मचारियों, राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने हिस्सा लिया। अखनूर में भी बीएसएफ और स्थानीय लोगों ने योग के जरिए एकता का संदेश दिया। एलओसी के नजदीक नौशेरा के गवर्नमेंट बॉयज मिडिल स्कूल (बीएमएस) सरया में योग सत्र का आयोजन हुआ। राजौरी जिला प्रशासन ने योग दिवस के सुचारू संचालन के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की थीं। जागरूकता फैलाने और अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए गए। जिले भर में स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती और एकता का संदेश देने वाले ये आयोजन सफल रहे।
वहीं, जम्मू कश्मीर के कैबिनेट मंत्री सतीश शर्मा ने योग दिवस पर अपने संदेश में कहा, “योग 5,000 साल पुरानी भारतीय परंपरा है, जिसे आज 180 देशों में लाखों लोग अपना रहे हैं। खासकर युवाओं को मैं कहना चाहूंगा कि मानसिक स्वास्थ्य और तनाव से मुक्ति के लिए योग से बेहतर कोई साधन नहीं। इसे एक इवेंट नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा बनाएं।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि उनकी वजह से योग वैश्विक आंदोलन बना है।
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