
टीकमगढ़ । टीकमगढ़ में (In Tikamgadh) 12 साल के बच्चे को दूल्हा बनाकर (12 year old Child was made Groom) बकरे पर बारात निकाली गई (Procession was taken out on Goat) । इस अनोखी परंपरा के अनुसार, लोहिया समाज में करीब 400 साल पुरानी कर्णछेदन की यह परंपरा हर पीढ़ी में धूमधाम से निभाई जाती है।
यह परंपरा खासतौर पर समाज में बड़े बेटे के कर्णछेदन संस्कार के दौरान मनाई जाती है, जिसे शादी समारोह की तरह धूमधाम से किया जाता है। टीकमगढ़ शहर के ताल दरवाजा निवासी कैलाश अग्रवाल ने बताया कि उनके बड़े पोते राघव अग्रवाल का कर्णछेदन संस्कार गुरुवार को हुआ और शुक्रवार को उसकी बकरे पर बारात निकाली गई।
इस अवसर पर परिवार और रिश्तेदारों की एक बड़ी भीड़ बकरे की बारात में शामिल हुई, जिसमें गाजे-बाजे के साथ जश्न मनाया गया, डांस किया गया और पटाखे फोड़े गए। कैलाश अग्रवाल ने यह भी बताया कि उनके बड़े बेटे के कर्णछेदन संस्कार में भी यही परंपरा निभाई थी। यह परंपरा दादा-परदादा के समय से चली आ रही है, और लोहिया (अग्रवाल) समाज के अधिकांश परिवारों ने इसे अब तक जीवित रखा है।
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