
पिता ने दी थी हिम्मत, घबराओ मत ज्यादा से ज्यादा सप्लीमेंट्री आएंगी, लेकिन तनाव झेल नहीं पाया छात्र
इंदौर। परीक्षाओं का दौर शुरु होते ही एक छात्र ने पहले पेपर को लेकर डिप्रेशन (depression about paper) में जान दे दी। बताया जा रहा है कि वह स्कूल जाने के लिए घर से तो निकला लेकिन उसकी बस छूट गई या वह बस में बैठ नहीं पाया था। उसे पिता ने समझाया कि इसे लेकर तनाव न पाले, लेकिन उसने जान दे दी।
कनाडिय़ा थाना क्षेत्र (Canadian Police Station Area) की सांई कृपा रेसीडेंसी में रहने वाले 17 साल के नरेंद्र पिता बहादुरसिंह के शव को फंदे से उतारकर एमवाय अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों (Doctor) ने उसे मृत बता दिया। बताया जा रहा है कि वह आईएटीवी स्कूल में 12 र्वी की पढ़ाई कर रहा था। कल उसका इंग्लिश का पेपर था। पेपर देने के लिए वह घर से तैयार होकर निकला था, लेकिन बाद में पिता को वह बस स्टॉप पर मिला। पिता ने उससे पूछा कि तो उसने बताया कि बीते कुछ दिनों से उसे चक्कर आ रहे है। बस भी छूट गई है, इसके बाद पिता ने उसे घर छोड़ा और कहा कि टेंशन मत लेना, ज्यादा से ज्यादा सप्लीमेंट्री आएगी। इसके बाद पिता कहीं चले गए। मां भी किसी काम में लग गई। इस बीच नरेंद्र ने यह कदम उठा लिया। हालांकि नरेंद्र जब स्कूल नही पहुंचा तो स्कूल के ग्रुप में शिक्षकों ने उसकी अनुपस्थिति को लेकर मैसेज भी किया था। संभवत: नरेंद्र को पढाई का तनाव होगा। उसके पिता फायनेंस का काम करते हैं। वह परिवार का बड़ा बेटा था। अभी नरेंद्र के पास से किसी प्रकार का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
यह पहला मामला नही…
अकसर पढ़ाई और पेपर बिगडऩे के डर से छात्रों द्वारा ऐसा कदम उठाने का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई छात्र-छात्राएं आत्महत्या कर चुके हैं।
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