
नई दिल्ली: देश के सबसे विकसित राज्यों में शुमार गुजरात (Gujrat) में कई पुल (Bridge) चलने लायक नहीं पाए गए. पिछले दिनों एक ब्रिज के टूटने के बाद राज्य सरकार (State Goverment) ने प्रदेश के सभी पुलों का निरीक्षण कराया. सड़क एवं भवन विभाग (Roads and Buildings Department) की ओर से किए गए निरीक्षण (Inspection) में 1,800 पुलों का क्वालिटी चेक किया गया. इसमें से 133 पुलों को विभाग ने चलने योग्य नहीं माना और उनकी मरम्मत आदि के लिए तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया है. विभाग की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि 133 पुलों में से 20 की हालत इतनी खराब है कि उस पर पैदल गुजरना भी ठीक नहीं.
रोड एवं बिल्डिंग्स विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रदेश में कुल 1,800 पुलों का निरीक्षण किया गया. इसमें से 20 पुलों पर छोटे वाहनों को भी गुजरने से रोक दिया गया है, जबकि कुल 113 पुलों पर भारी वाहनों को गुजरने से रोक दिया गया है, जब तक कि इनकी मरम्मत नहीं हो जाती है. यह जानकारी गुजरात सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेष पटेल की ओर से दी गई है. पटेल ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को भी इस जांच की जानकारी दी है. मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की और जर्जर पुलों के जल्द निर्माण का आदेश दिया.
सरकार की ओर से जारी रिलीज में कहा गया है कि प्रदेश के इन 133 जर्जर पुलों के पुनर्निमाण का काम जल्द शुरू किया जाएगा. 133 में से 113 पुलों पर सिर्फ भारी वाहनों की आवाजाही को रोका गया है, जबकि 20 पुलों पर सभी तरह के वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. इन सभी पुलों का जल्द ही पुनर्निमाण पूरा किया जाना है. इसके लिए बाकायदा डेडलाइन भी तय की जाएगी और जल्द से जल्द इन्हें दोबारा शुरू किए जाने की संभावना है.
निरीक्षण में खराब पाए गए 133 पुलों में से 9 तो नर्मदा नहर पर ही बने हुए हैं. इसमें से 5 पुलों को सभी तरह के वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है, जबकि 4 पुल को भारी वाहनों के लिए बंद किया गया है. जिन 5 पुलों को सभी वाहनों के लिए बंद किया गया है, वह मोरबी और सुरेंद्रनगर जिले में है. जिन 4 पुलों को भारी वाहनों के लिए ही बंद किया गया है, वह अहमदाबाद और पाटन जिले में स्थित हैं.
सरकार की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि प्रदेश में सिर्फ नहरों पर ही 2,110 पुलों का निर्माण कराया गया है. इनमें से 133 पुलों को खराब माना गया, जिसके पुनर्निर्माण के लिए सरकार की ओर से 212 करोड़ रुपये का फंड भी जारी कर दिया गया है. इसमें वडोदरा में गंभीरा ब्रिज का भी निर्माण करना भी शामिल है. गौरतलब है कि 9 जुलाई को गंभीरा ब्रिज गिरने से करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी.
सामान्य परिस्थितियों में माना जाता है कि ऐसे पुलों का निर्माण 18 महीने में पूरा हो जाता है, लेकिन गंभीरा ब्रिज के मामले में इसे जल्दी तैयार करने का निर्देश दिया गया है. इस पुल को सिर्फ 12 महीने में ही तैयार करने के लिए कहा गया है. सरकार ने कहा है कि मानसून खत्म होते ही अगले 3 महीने में काम शुरू हो जाएगा. इस लिहाज से अगले सीजन से पहले ही इस पुल को तैयार किया जा सकेगा.
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