
इंदौर। बीआरटीएस कॉरिडोर को तोडऩे की व्यवस्था तो अभी तक हो नहीं पा रही है। इसी बीच नगर निगम द्वारा इस कॉरिडोर पर नए डिवाइडर बनाने और बिजली की व्यवस्था करने के लिए ठेकेदार की तलाश का काम शुरू कर दिया गया है। इस कार्य पर निगम द्वारा 14 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की जाएगी। राज्य शासन की घोषणा, उच्च न्यायालय द्वारा मंजूरी दिए जाने के बावजूद नगर निगम अब तक बीआरटीएस कॉरिडोर को तोडऩे का काम शुरू नहीं कर सका है। निगम की ओर से पहले तो जीपीओ चौराहे से इस कॉरिडोर को खुद तोडऩे की कोशिश की गई।
इस कोशिश में जब नाकामी मिली, तब निगम द्वारा राजीव गांधी प्रतिमा चौराहा से लेकर निरंजनपुर चौराहा तक के इस कॉरिडोर को तोडऩे का कार्य ठेके पर देने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया। यह टेंडर अभी तक फाइनल नहीं हो पाया है। इसी बीच निगम द्वारा इस कॉरिडोर में नए रोड डिवाइडर का निर्माण करने और सेंट्रल लाइटिंग की व्यवस्था करने के कार्य का भी टेंडर जारी कर दिया गया है। इस कार्य पर 14.58 करोड रुपए खर्च होंगे। इस कार्य को करने के इच्छुक ठेकेदारों से 28 मई तक उनके ऑफर बुलवाए गए हैं।
1 साल लगेगा काम होने में
निगम के द्वारा बीआरटीएस कॉरिडोर पर नए रोड डिवाइडर का निर्माण करने के कार्य के लिए जो आंकलन किया गया है उसके अनुसार इस काम को करने में 1 साल का समय लगेगा। निगम के इस आंकलन से यह स्पष्ट है कि इस पूरे बीआरटीएस कॉरिडोर की स्थिति कुछ दिनों या कुछ महीनो में बराबर और वाहन चालकों के लिए सुविधाजनक नहीं हो सकेगी।
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