
जबलपुर। प्रदेश भर में पुरानी इंटर-सिटी बसों के संचालन पर उठ रहे सवालों के बीच जबलपुर में भी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। यहाँ भी 15 साल से अधिक पुरानी बसें रोज़ाना हजारों यात्रियों की जान जोखिम में डाल रही हैं। नियम साफ कहते हैं कि इतनी पुरानी बस जिलों के बीच नहीं चल सकती, फिर भी विभिन्न रूटों पर इन्हें धड़ल्ले से दौड़ाया जा रहा है। हालांकि, जबलपुर आरटीओ ऑफिस ने जिले के सभी बस संचालकों को नोटिस जारी किए हैं, पर बसें अभी भी सड़कों पर हादसों की आशंकाओं के साथ दौड़ रही हैं। अब अधिकारियों का कहना है इन बसों को अभियान चलाकर सड़कों से बाहर करेंगे।
हादसे, जो डराते हैं
पिछले दिनों जबलपुर–नरसिंहपुर रूट पर एक पुरानी बस की अचानक ब्रेक फेल होने से बड़ा हादसा टल गया। कुछ दिन पहले शहपुरा में एक बस के इंजन में आग जैसी स्थिति बनी,धुआं भरते ही यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। यात्री रोज़ जान हथेली पर रखकर सफर करते हैं, पर मजबूरी है। जबलपुर में दो दर्जन से ज्यादा पुरानी बसें खटारा होते हुए सवारियां ढो रही हैं। वहीं प्रदेश में करीब 500 पुरानी बसें अपनी उम्र पूरी होने के बाद भी इंटर-सिटी रूट पर दौड़ रही हैं।
विभाग के नियम क्या हैं
टूरिस्ट परमिट, 12 साल तक।
स्कूल/कॉलेज बस, फिटनेस जरूरी लेकिन इन नियमों को कई ऑपरेटर कागजों में दबाकर, सड़क पर कबाड़ बसें उतार रहे हैं।
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने जारी की चेतावनी
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर विवेक शर्मा ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है किनियम तोडऩे वाले बस संचालकों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी । जबलपुर आरटीओ की टीम ने भी पुराने परमिट और रजिस्ट्रेशन खंगालना शुरू कर दिया है। इस रुख के बाद अधिकारियों ने भी सख्ती से काम लेना शुरु किया है। उधर बस संचालकों ने बसें बदलने के लिये मोहलत मांगी है पर अभी तक राहत नहीं मिल सकी है।
पुरानी बसें क्यों हैं खतरनाक?
परमिट रद्द किया जाएगा
हमने चिन्हित बसों के ऑपरेटर्स को नोटिस जारी कर तत्काल खटारा हो चुके वाहन को सड़क से बाहर करने अल्टीमेटम दे दिया है। यदि अब भी बस ऑपरेटर जिद पर अड़े रहेंगे तो हम निश्चित तौर पर परमिट रद्द करने की कार्रवाई करेंगे।
जितेंद्र रघुवंशी, आरटीओ, जबलपुर
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