
इंदौर। शहर (Indore) में 16 जून से स्कूल (school) दोबारा खुलने जा रहे हैं। इसे देखते हुए परिवहन विभाग (Transport Department) ने शहर के सभी स्कूल संचालकों (School administrators) की बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि स्कूल खुलने से पहले सभी बसों को फिट करवा लें। स्कूल संचालक बोले कि हमारी बसें पहले से फिट हैं, इस पर आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बस संचालकों के सामने एक सूची रख दी, जिसमें इंदौर में रजिस्टर्ड 6 हजार से ज्यादा बसों में से 1600 बसें अनफिट थीं।
ऐसा पहली बार हुआ है, जब परिवहन विभाग ने अनफिट बसों की सूची के साथ स्कूल संचालकों को चेतावनी दी हो। इस सूची में लगभग सभी स्कूलों की बसों के नंबर थे। सूची देखने के बाद स्कूल संचालक खुद चौंक गए। कुछ संचालकों ने सूची को गौर से देखने के बाद कहा कि इनमें से कई बसें बंद हो चुकी हैं। इस पर आरटीओ शर्मा ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि अगर बसें बंद हो गई हैं तो उन्हें स्क्रैप करवाइए और परिवहन विभाग के रिकॉर्ड से हटवाइए। अगर जांच के दौरान कोई भी बस अनफिट पाई जाती है तो बस जब्त करने के साथ ही स्कूलों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्कूलों से फॉर्म देकर मांगी चालू बसों की सूची
आरटीओ शर्मा ने सभी स्कूल संचालकों को एक फार्म देते हुए कहा कि वे इस फॉर्म के माध्यम से अपने स्कूल में चालू सभी बसों की सूची अगले तीन दिनों में परिवहन कार्यालय में जमा करवाएं। फार्म में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत बसों में बच्चों की सुरक्षा के जरूरी इंतजामों के भी सभी बिंदुओं को शामिल किया गया है, जिसका पालन करना अनिवार्य किया है, साथ भी हर बस में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस को भी एक्टिव रखने और उसकी लिंक विभाग को देने के निर्देश दिए गए।
बसें बंद करने के बाद भी रिकॉर्ड से नहीं हटवा रहे संचालक
आरटीओ शर्मा ने बताया कि शहर में 6 हजार से ज्यादा स्कूल बसें रजिस्टर्ड हैं। फिटनेस को लेकर जब रिकॉर्ड निकाला गया तो इनमें से 1600 बसें अनफिट थीं। इनमें कई बसें 20 से 25 साल पुरानी भी हैं। स्कूल संचालक अगर इन्हें बंद कर चुके हैं तो उन्हें ऐसी बसों को परिवहन रिकॉर्ड से हटवाना होगा। हालांकि कई चालू बसों का फिटनेस भी खत्म हो चुका है। स्कूल संचालको के हिसाब से बंद बसों को हटा भी दें तो भी 400 से ज्यादा बसें अनफिट हैं।
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