
इन्दौर। छावनी अनाज मंडी 1960 में विकसित की गई थी और तब 145 व्यापारी यहां कारोबार करते थे। उसके बाद इनकी संख्या लगातार बढ़ती रही। चूंकि अब यातायात और घने क्षेत्र में यह मंडी मौजूद है। इसे शहर के बाहर शिफ्ट करने के सालों से प्रयास चलते रहे। अब इस छावनी अनाज मंडी की 17 एकड़ जमीन का भू-उपयोग मास्टर प्लान में व्यावसायिक करवाया जाएगा और यह जमीन इंदौर विकास प्राधिकरण को शासन सौंपेगा और बदले में मोरोद में जो वन विभाग की 75 हेक्टेयर जमीन है उस पर आधुनिक मंडी विकसित करवाई जाएगी और वन विभाग को इसके बदले बुरहानपुर में 86 हेक्टेयर सरकारी जमीन आबंटित की जा रही है। संभागायुक्त की सहमति के बाद इंदौर कलेक्टर ने इस संबंध में बुरहानपुर कलेक्टर को पत्र भी भेज दिया है।
बीते कई वर्षों से छावनी अनाज मंडी को मोरोद में शिफ्ट करने की कवायद होती रही। मगर इसमें वन विभाग का पेंच आ गया था। जिस तरह अभी पिछले दिनों योजना 172 में शामिल वन विभाग की जमीन का मामला शासन स्तर पर सुलझा और प्राधिकरण को अपने कन्वेंशन सेंटर के लिए यह जमीन हासिल हो गई। इसी तरह मोरोद में वन विभाग की जमीन शासन लेगा। बदले में उससे अधिक जमीन बुरहानपुर में वन विभाग को आवंटित की जा रही है। इसकी प्रक्रियाशासन-प्रशासन ने शुरू भी कर दी है। मोरोद की जो 75 हेक्टेयर यानी लगभग 180 एकड़ जमीन पर प्राधिकरण आधुनिक मंडी विकसित करेगा, जिसमें चौड़ी सडक़ें, ड्रैनेज, पानी, पेट्रोल पम्प, गोदाम, बैंक से लेकर विशाल पार्किंग सहित किसानों के ठहरने, खाने की व्यवस्था भी रहेगी।
अभी जो छावनी अनाज मंडी है वह 65 साल पुरानी तो हो गई। वहीं अब घने और बीच शहर में मौजूद होने के चलते यातायात सहित अन्य समस्याओं से घिरी रहती है और वहां पर अन्य सुविधाएं भी अनाज व्यापारियों की मांग अनुरूप अमल में नहीं लाई जा सकती। यही कारण है कि अब मोरोद में आधुनिक मंडी बनाकर छावनी के सभी अनाज व्यापारियों को यहां शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए व्यापारी, किसान भी सहमत हो गए हैं, क्योंकि उन्हें अभी बीच शहर में अपनी उपज को लाने-ले जाने में भी परेशानी होती है और सिर्फ रात के समय ही गाडिय़ां आ-जा सकती है। प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि छावनी अनाज मंडी की जमीन प्राधिकरण को हासिल हो जाएगी, क्योंकि अभी मास्टर प्लान का इसका भू-उपयोग मंडी है। लिहाजा उसे बदलकर व्यवसायिक किया जाएगा और प्राधिकरण इस 17 एकड़ छावनी की जमीन का व्यवसायिक इस्तेमाल करेगा। आवश्यक आधारभूत सुविधाएं और विकास कार्य करवाए जाएंगे और फिर व्यवसायिक उपयोग के भूखंडों को टेंडर के जरिए बेचा जाएगा और इस 17 एकड़ व्यवसायिक जमीन से प्राधिकरण को जो आमदनी होगी उसके बदले वह मोरोद की 75 हेक्टेयर पर बनने वाली नई आधुनिक मंडी के समस्त विकास कार्य करवाएगा।
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