
इन्दौर। रानीपुरा में मकान ढहने के बाद भी निगम का अमला खतरनाक मकानों के मामले में लापरवाही बरते हुए हैं। सिर्फ सूची बनाई जाती है, कार्रवाई नहीं होती है। हद तो यह हो गई कि निगम के खुद के कार्यालय और किराए पर दिए गए मार्केट जर्जर हालत में है। नेहरू नगर में भी हाउसिंग बोर्ड की 17 बिल्डिंगों की हालत इतनी जर्जर है कि वहां ईंट और सरिये नजर आ रहे हैं। 17 बिल्डिंगों में 406 से ज्यादा परिवार रहते हैं। हादसे के बाद जागने वाले अफसर शिकायतों को नजरअंदाज करते हैं और फिर कार्रवाई के नाम पर फर्जीवाड़ा होता है।
नगर निगम ने इस बार भी 150 से ज्यादा खतरनाक मकानों की सूची बनाई थी। बारिश के पहले यह सूची झोनलों से तैयार कराई गई थी, लेकिन इनमें से 25 मकानों पर भी कार्रवाई नहीं की गई। सिर्फ दिखावे के लिए झांकी मार्ग के दो-तीन खतरनाक मकानों को तोड़ा गया था और उसके बाद मुहिम पूरी तरह बंद हो गई थी। सूची बनी पड़ी है, लेकिन जनकार्य विभाग के अफसरों को कार्रवाई की फुरसत नहीं है। नगर निगम का सरवटे और नवलखा का मार्केट भी जर्जर हालत में है। वहां आए दिन प्लास्टर गिरता है। इसके साथ ही नगर निगम मुख्यालय में राजस्व विभाग का पुराना दफ्तर भी जर्जर हालत में हो रहा है।
कार्यालय के कई कमरों में बारिश का पानी आता है और तीन साल पहले रिकार्ड खराब हो गया था, जिसके चलते वहां से रिकार्ड रूम ही हटा दिया गया। यही हाल नेहरू नगर में 50 साल पहले हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाई गई 17 बिल्डिंगों के हैं। वहां कुल 406 फ्लैट है और करीब 2 हजार से ज्यादा लोग वहां रहते हैं। रहवासी कमलेश पटेरिया के मुताबिक पिछले कई सालों से यहां के रहवासी क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया और पार्षद लालबहादुर वर्मा से शिकायत कर चुके हैं कि बिल्डिंग के हिस्से इतने जर्जर हो रहे हैं कि किसी भी दिन कोई हादसा हो सकता है। अलग-अलग ब्लाक में प्लास्टर पूरी तरह निकल चुके हैं और ईंट व सरिये साफ नजर आते हैं। डेढ़ माह पहले क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया रहवासियों के पास पहुंचे थे और हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों से चर्चा की थी और नई बिल्डिंग बनाने के प्रस्ताव तैयार करने को कहा था, लेकिन यह मामला अभी भी उलझन में ही पड़ा है। रहवासियों का कहना है कि वे अधिकारियों से बातचीत के बाद जगह खाली करने को तैयार हैं, लेकिन उनके लिए क्या योजना है, यह भी बताया जाना जरूरी है।
चद््दर सहित मलबा ढहकर घर में आ गया
बिल्डिंग के कई रहवासियों का कहना है कि अलग-अलग ब्लाक में आए दिन प्लास्टर और बिल्डिंग मटेरियल गिरता रहता है और पिछले सप्ताह एक परिवार के यहां सुरक्षा के लिए लगाई गई चद््दरों पर मलबा गिरा तो चद््दरे मलबे सहित घर में आ गिरी।
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