
उज्जैन। कोरोना महामारी के बाद महंगाई लोगों के लिए आफत बन रही है। रसोई से लेकर पढ़ाई तक सब कुछ महंगा हो गया है। हर परिवार का 15 से 20 फीसदी खर्च बढ़ गया है। महंगाई से आम व खास सभी लोगों का बजट गड़बड़ा गया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद एक महंगाई को पंख लग गए हैं। डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढऩे के साथ-साथ सभी चीजें महंगी होने लगी हैं, इनमें रोजमर्रा कि रसोई में काम आने वाले आटा चावल एवं खाद्य तेल सभी के भाव बढ़ते जा रहे हैं स्थिर नहीं रह रहे हैं। ऐसे में लोगों का खर्च बढऩे लगा है, इसी के साथ साथ पढ़ाई पर होने वाले खर्च पर भी महंगाई का असर पड़ा है। कोचिंग फीस दवा और बस टेम्पो का किराया भी महंगाई के कारण बढ़ गया है। कोचिंग की फीस बढ़ाने के पीछे कोचिंग संचालकों का तर्क है कि अभी तक ऑनलाइन पढ़ा रहे थे लेकिन अब ऑफलाइन पढ़ाना पड़ रहा है जिसमें खर्चा अधिक आ रहा है और किराए का खर्च बढ़ गया है। इसी के चलते हमें कोचिंग की फीस बढ़ाना पड़ रही है। डीजल की कीमत बढऩे का सीधा असर परिवहन पर पड़ा है और 6 माह के भीतर आटे की 2 रुपए प्रति किलो कीमत बढ़ गई है। सौंदर्य प्रसाधन की कीमतों में भी 20 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है इसके चलते इसकी बिक्री पर भी असर पड़ा है। डीजल की कीमत बढऩे से ट्रांसपोर्टेशन चार्ज 20 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
घर बनाना और महंगा हुआ, 1 महीने में सीमेंट के भाव 75 रुपए बढ़े
डीजल की कीमत बढऩे के साथ-साथ रसोई एवं अन्य चीजें तो महंगी हुई साथ ही घर बनाना भी बहुत महंगा होने लगा है। पिछले महीने 335 रुपया में मिलने वाली सीमेंट की बोरी इस महीने की शुरुआत में 410 रुपया प्रति बोरी हो गई है। पिछले महीने से 75 पड़े हैं। ऐसे में घर बनाने का सपना अब महंगा होने लगा है। सरिये के भाव तो सट्टा बाजार के हाथ लग चुके हैं, इसलिए वहां प्रतिदिन बढ़ोत्तरी होती है। इसके अलावा बालू रेत, रेत -गिट्टी इनके भी भाव डीजल बढऩे की कीमतें बढऩे के साथ साथ बढ़ते जा रहे हैं।
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