img-fluid

भारतीय नौसेना की 262 विकास परियोजनाएं स्वदेशी रूप से विकसित हैं – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

November 25, 2025


नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि भारतीय नौसेना की 262 विकास परियोजनाएं (262 development projects of Indian Navy) स्वदेशी रूप से विकसित हैं (Are indigenously Developed) ।


राजनाथ सिंह मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘समुद्र उत्कर्ष’ कार्यक्रम में बोल रहे थे। यहां उन्होंने समुद्री विरासत पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। ‘समुद्र उत्कर्ष’ सेमिनार के आयोजन का उद्देश्य भारत की उभरती हुई जहाज निर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करना है। इस कार्यक्रम में स्वदेशी शिपबिल्डिंग, नौसैनिक आधुनिकीकरण और समुद्री आत्मनिर्भरता पर विस्तृत चर्चा हुई। यहां रक्षामंत्री ने बताया कि कई भारतीय शिपयार्ड इस दशक के भीतर अपनी परियोजनाओं में 100 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री उपयोग करने की ओर अग्रसर हैं। इसका अर्थ है कि भारत से निर्मित किसी भी नौसैनिक प्लेटफॉर्म पर वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला व्यवधानों का न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें गर्व है कि भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के सभी निर्माणाधीन जहाज भारतीय शिपयार्ड्स में ही तैयार हो रहे हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन का प्रत्यक्ष परिचायक है।

उन्होंने कहा कि विश्व के समुद्री इतिहास पर भारत की गहरी छाप है। हमारे पूर्वजों ने समुद्रों को बाधा नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक संवाद के सेतु के रूप में इस्तेमाल किया। आज इस विरासत का सम्मान करते हुए भारत आगे बढ़ने के संकल्प के साथ कार्य कर रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों समुद्री तटों पर स्थित भारतीय शिपयार्ड अब आधुनिक फैब्रिकेशन लाइन्स, उन्नत मैटेरियल-हैंडलिंग सिस्टम्स, ऑटोमेटेड डिजाइन टूल्स, मॉडल टेस्टिंग सुविधाओं और डिजिटल शिपयार्ड तकनीकों से लैस हैं, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप हैं।

उन्होंने भारत की समुद्री यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि लोथल के प्राचीन बंदरगाहों से लेकर मुंबई, गोवा, विशाखापत्तनम, कोलकाता और कोचीन के आधुनिक शिपयार्डों तक का सफर भारत की तकनीकी प्रगति और धैर्य का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत की समुद्री निर्भरता अत्यधिक है। देश के 95 प्रतिशत व्यापार (वॉल्यूम) और लगभग 70 प्रतिशत व्यापार (वैल्यू) समुद्री मार्गों से ही होता है। हिंद महासागर में भारत की सामरिक स्थिति और 7,500 किमी की विस्तृत तटरेखा इसे वैश्विक व्यापार में एक महत्वपूर्ण शक्ति बनाती है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की वास्तविक शक्ति उसके इंटीग्रेटेड, एंड-टू-एंड शिपबिल्डिंग इकोसिस्टम में निहित है, जहां डिजाइन, मॉड्यूलर निर्माण, फिटिंग, मरम्मत और जीवन-चक्र समर्थन तक हर प्रक्रिया स्वदेशी तकनीक से संचालित है। हजारों एमएसएमई के सहयोग से भारत ने स्टील, प्रणोदन, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंसर और एडवांस्ड कॉम्बैट सिस्टम्स तक फैली मजबूत आपूर्ति-श्रृंखला विकसित की है।

उन्होंने भारतीय निर्मित सैन्य प्लेटफॉर्मों के मानवीय मिशनों में योगदान का उल्लेख किया। 2015 का ऑपरेशन राहत (यमन), महामारी के दौरान ऑपरेशन समुद्र सेतु, और 2025 में म्यांमार भूकंप के समय चलाया गया ऑपरेशन ब्रह्मा, जिसमें आईएनएस सतपुड़ा, सवित्री, घड़ियाल, कर्मुक और एलसीयू 52 ने बड़े पैमाने पर राहत सामग्री पहुंचाई थी। जल के नीचे की क्षमताओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कलवरी क्लास पनडुब्बियां, जिन्हें बढ़ती स्वदेशीकरण दर के साथ एमडीएल में बनाया जा रहा है, भारत की अंडरवाटर वारफेयर क्षमता और डिजाइनिंग दक्षता का उदाहरण हैं। अंत में रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ‘केवल जहाज नहीं, बल्कि विश्वास’ और ‘केवल प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि साझेदारी’ बनाने में विश्वास रखता है। उन्होंने विश्व समुदाय से मिलकर एक सुरक्षित, समृद्ध और सतत समुद्री भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।

Share:

  • भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और विकास दर के मुख्य स्तम्भ हैं व्यापारी - केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

    Tue Nov 25 , 2025
    नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने कहा कि व्यापारी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ (Traders are the backbone of Indian Economy) और विकास दर के मुख्य स्तम्भ हैं (Main pillar of the Growth Rate) । केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) से […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved