
इंदौर। शहर में वाहन चोरी पुलिस के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है। वाहन चोरी की घटनाएं हर साल बढ़ रही हैं। इस साल 6 माह में शहर से 1673 गाडिय़ां चोरी हुई हैं। इस हिसाब से हर माह शहर से 278 गाडिय़ां चोरी हो रही हैं। पिछले कुछ सालों से शहर में वाहन चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2023 के प्रथम छह माह में शहर से 1660 गाडिय़ां चोरी हुई थीं तो 2024 में 1650 गाडिय़ां चोरी हुईं। इस साल के प्रथम छह माह में शहर से 1673 गाडिय़ां चोरी हुई हैं। हर साल ये आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। पहले शहर के थानों में रोजाना आठ से दस गाडिय़ां चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज होती थी, लेकिन अब हर रोज 12 से 15 गाडिय़ां चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज हो रही है।
हालांकि दोपहिया वाहन अधिक चोरी होते हैं, लेकिन कारे भी अब चोरी हो रही हैं। पुलिस का कहना है कि इंदौर में वाहन चोरी के पीछे दो गिरोह प्रमुख हैं। सबसे अधिक वाहन यही दो गिरोह चुरा रहे हैं। पहला देवास का कंजर गिरोह और दूसरा धार-टांडा का गिरोह है। कंजर गिरोह पूर्वी क्षेत्रों के थानों में सक्रिय है तो धार-टांडा का गिरोह इंदौर पश्चिम और देहात के थानों से वाहन चुरा रहा है। पुलिस ने कई बार इनके यहां छापे मारे और बड़ी संख्या में इंदौर से चोरी किए वाहन भी बरामद किए। कुछ स्थानीय गिरोह भी सक्रिय हैं।
लूट और शराब तस्करी में उपयोग
शहर में इस साल दो बड़ी लूट की वारदात हुई थीं। रेसकोर्स रोड पर बिल्डर और उसके रिश्तेदारों से 30 लाख के जेवर पिस्टल की नोंक पर लूटे गए थे। इसमें दिल्ली के कुख्यात गिरोह के सदस्य रिंकू और रोहित कपूर पकड़े गए थे। वहीं कुछ दिन पहले संयोगितागंज पुलिस ने 74 किलो चांदी लूट के मामले में आगरा के आठ आरोपी पकड़े थे। इन लोगों ने एक टैक्सी चालक का अपहरण कर उसकी गाड़ी का उपयोग किया था और एक दोपहिया वाहन चुराकर वहां पहुंचे थे। पुलिस ने कई बार शहर में अवैध शराब ढो रही गाडिय़ों को पकड़ा है, जिसमें कई बार चोरी की गाडिय़ां जब्त हुई हैं।
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