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2866207 इंदौरी मतदाताओं की भी घर-घर जाकर करेंगे जांच… सूची फ्रीज

October 28, 2025

  • आज से ही प्रशिक्षण शुरू, आयोग ने कलेक्टरों की भी ली कॉन्फ्रेंस, दोपहर में राजनीतिक दलों को भी बुलाया, एसआईआर का इंदौर में भी रहेगा हल्ला
  • इंदौर में अभी २६२५ मतदान केन्द्र, नए ५८५ की अनुमति मांगी
  • १० अक्टूबर की प्रारूप सूची के आधार पर विधानसभावार मिले आंकड़े
  • १३८३८ दिव्यांग, तो प्रवासी मतदाताओं की संख्या ३५
  • १०० से अधिक उम्र के १३४, तो ८५ पार के मतदाता १३५३२
  • ९८८ थर्ड जेंडर मतदाता भी इंदौर में किए चिह्नित
  • २०२५ की आबादी ४५ लाख पार आंकी गई

इंदौर, राजेश ज्वेल। बिहार चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जो एसआईआर मतदाता सूची का कराया गया, यानी विशेष गहन पुनरीक्षण, वह अब इंदौर सहित पूरे मध्यप्रदेश और 12 राज्यों में चलेगा। रात 12 बजे के बाद इंदौर की मतदाता सूची भी फ्रीज कर दी गई और 10 अक्टूबर को जो मतदाता सूची का प्रारुप तैयार हुआ था उसके मुताबिक 28 लाख 66207 मतदाताओं की जांच के लिए दल घर-घर पहुंचेगा। आज से ही इसका प्रशिक्षण शुरू हो गया और 10 बजे सभी कलेक्टरों की वीडियो कान्फ्रेंस भी आयोग ने ली।

बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर गणना फॉर्म भी उपलब्ध करवाएंगे और आज सुबह 10 बजे आयोग ने सभी कल ेक्टरों की वीडियो कान्फ्रेंस भी ली और उसके बाद दोपहर 2 बजे कलेक्टर कार्यालय में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों की बैठक भी रखी है, जिसमें एसआईआर-2025 के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। बिहार की तरह इंदौर और मध्यप्रदेश में भी इस 22 साल बाद हो रहे सर्वे को लेकर राजनीतिक हंगामा मचेगा, क्योंकि सभी नागरिकों को अपने दस्तावेज दिखाना पड़ेंगे। 2003 की मतदाता सूची में अगर नाम शामिल है तो उनके साथ बच्चों को भी दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इंदौर के जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, फिलहाल 2625 बूथ पर बीएलओ ये सर्वे का कार्य करेंगे और 585 जो नए बूथ बनाने की मंजूरी आयोग से मांगी गई है, अगर वह मिल जाती है तो फिर बूथों की संख्या बढक़र 3210 हो जाएगी।

चूंकि मतदाता सूची की सुधार की प्रक्रिया अब निरंतर चलती है, जिसके चलते अभी पिछले दिनों तक जो नाम घटे या बढ़े उसके आधार पर 1 अक्टूबर के मान से 10 अक्टूबर को मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया था, जिसके आधार पर इंदौर जिले की सभी 9 विधानसभा में 28 लाख 66 हजार 207 मतदाता हैं, जिनमें थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 988 बताई गई है और 2025 की अनुमानित आबादी 45 लाख 14 हजार 948 मानी गई है। फिलहाल 14 लाख 41 हजार 744 पुरुष और 14 लाख 24 हजार 357 महिला मतदाता हैं। वहीं दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 13838 और प्रवासी मतदाता 35 बताए गए हैं, तो सेवा मतदाता 1831 और 100 से अधिक उम्र के 134 तथा 85 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ मतदाता 13532 बताई गई है। अब आज से ही आयोग ने एसआईआर के लिए प्रशिक्षण सहित सभी प्रक्रिया शुरू करा दी है, जिसके चलते इंदौर की भी मतदाता सूची आधी रात को फ्रिज कर दी गई।


इंदौर सहित सभी 230 विधानसभा सीटों पर होगा सत्यापन
मध्यप्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर एसआईआर की प्रक्रिया तुरंत प्रभाव से आयोग ने शुरू कर दी है। इन सभी सीटों की मतदाता सूची को भी आधी रात को फ्रीज कर दिया है। यानी अब ना तो नाम जोड़े जा सकेंगे। अब बूथ लेवल ऑफिसर और निर्वाचन से जुड़े अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं के दस्तावेजों की जांच करेंगे। इंदौर की सभी 9 विधानसभा सीटों पर यह अभियान चलेगा और प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर कुल मतदाताओं की संख्या 5.74 करोड़ है और मतदान केन्द्रों की संख्या 65 हजार 14 है। 1 लाख 19 हजार 940 बीएलओ, 762 सहायक रिटर्निंग ऑफिसर और 55 जिला निर्वाचन अधिकारी पूरे प्रदेश में तैनात हैं। 2.92 करोड़ पुरुष और 2.78 करोड़ महिला मतदाताओं की संख्या है। बिहार की तरह मध्यप्रदेश में भी एसआईआर को लेकर राजनीतिक बवाल भी मचेगा, क्योंकि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पा$िर्टयों ने इस सर्वे का विरोध किया। बावजूद इसके बिहार में इसी आधार पर विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं और मध्यप्रदेश में भी 2028 में जो विधानसभा चुनाव होंगे वह भी इसी एसआईआर सर्वे के आधार पर कराए जाएंगे।

2003 की मतदाता सूची में नाम हैं तो नहीं देना पड़ेंगे दस्तावेज
आयोग ने बिहार के बाद अब मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में एसआईआर का काम शुरू कराया है। 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक बीएलओ घर-घर जाकर गणना फॉर्म भरवाएंगे और उसका सत्यापन भी करेंगे और फिर 8 दिसम्बर को मतदाता सूची का प्रारुप और दावे-आपत्तियों को 8 जनवरी तक लिया जाएगा। फिर 31 जनवरी तक सुनवाई-सत्यापन के पश्चात 7 फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। नए मतदाताओं को जहां फार्म-6 ही भरना होगा। वहीं 2003 की मतदाता सूची में अगर माता-पिता का नाम है तो उनके बच्चों या नए मतदाता को अलग से दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गणना फॉर्म हर नागरिक को भरना होगा। भले ही उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में शामिल हो। सभी पात्र मतदाताओं के नाम प्रारुप सूची में डाले जाएंगे और पुरानी सूची से अगर कोई नाम नहीं मिलेगा तो फिर नोटिस भी जारी करेंगे। आयोग ने एक दर्जन दस्तावेजों का निर्धारण किया है, जिसके आधार पर सूची में नाम शामिल होगा या कटेगा, जिसमें पेंशन के कागज, बैंक, पोस्ट ऑफिस, जन्म प्रमाण-पत्र, शैक्षणिक, स्थायी निवासी सहित अन्य दस्तावेज मान्य रहेंगे।

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