
इंदौर। अपनी छह सूत्री मागों को लेकर हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार को पूरे प्रदेश में सामूहिक इस्तीफे दिए। इससे पहले हाईकोर्ट ने भी जूडा की हड़ताल को अवैध बता दिया था।
पिछले सोमवार से पूरे इंदौर के 500 जूनियर डॉक्टरों सहित प्रदेश लगभग 3 हजार डॉक्टर हड़ताल पर है। डॉक्टरों ने अपनी छह सूत्री मागों को लेकर गत माह भी हड़ताल की थी, लेकिन तब चिकित्सा मंत्री द्वारा आश्वासन मिलने के बाद काम पर लौट आए थे। लेकिन आश्वासन के 25 दिनों बाद भी अपनी मांगों को लेकर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर इन डॉक्टरों ने हड़़ताल का कदम उठाया।
जूनियर डॉक्टर्स ने कहा वे उच्च न्यायालय का सम्मान करते है परंतु सरकार द्वारा दी गई दलीलों एवं दमनात्मक रवैये को देखते हुए जूनियर डॉक्टर्स मजबूर है। माननीय उच्च न्यायालय में भी जूनियर डॉक्टर्स द्वारा विनती की गई थी कि सरकार जूनियर डॉक्टर्स की मांगों का लिखित आश्वासन देती है तो जूनियर डॉक्टर्स उसी क्षण से हड़ताल वापस लेने को तैयार है। साथ ही सरकार को और जूनियर डॉक्टर्स के बीच बातचीत से समस्या सुलझाने का प्रस्ताव भी रखा परंतु सरकार के दमनात्मक रवैये के खिलाफ जूनियर डॉक्टर्स अपनी मांगो के साथ डटे है। जूनियर डॉक्टर्स किसी भी प्रकार के वार्तलाप् के लिए तैयार है।
एसोसिएशन के मुताबिक कोर्ट ने हमें 24 घंटे का समय दिया है। हम उनके आदेश का पालन करेंगे। इस बीच यदि सरकार की ओर से कोई भी निष्कर्ष निकलकर सामने आता है तो जूनियर डाक्टर अपने काम पर तुरंत लौट जाएंगे।
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