
नागदा। आर्थिक तंगी से गुजर रही नगर पालिका शहर को रोशन करने में भी नाकाम साबित हो रही है। शहर की स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी है और नगर पालिका इन्हें सुधारने की बजाएं हाथ पे हाथ धरे बैठी है। गली-मोहल्ले तो दूर मुख्य सड़कों तक पर अंधेरा छाया है। शहर में स्ट्रीट लाइट बंद होने की नगर पालिका के पास प्रतिदिन 3 से 4 शिकायतें पहुंच रही हैं। मगर इसके बावजूद नगर पालिका इन शिकायतों का निराकरण नहीं कर पा रही है। इसके पीछे नपा का तर्क है कि उनके पास मौजूद लिफ्ट वाहन खराब पड़ा हुआ है, जिस वजह से वह स्ट्रीट लाइट सुधारने में नाकाम हैै। नगर पालिका को लिफट वाहन की सुविधा तो 5 से 7 साल पहले मिली है।
इससे पहले भी तो सीढिय़ों से लाइटें सुधारने का काम किया जाता था, तो फिर अब खराब वाहन का बहाना बनाकर लाइटें क्यों नहीं सुधारी जा रही। निकाय के पास मौजूद तीन वाहन और तीनों की खराब पड़े हैं। इनमें दो तो काफी पुराने वाहन है। जबकि लिफ्ट वाहन में भी कई खराबी है, जिसमें खर्च अधिक होने की वजह से नगर पालिका इसे नहीं सुधरवा रही है। वार्ड नंबर 16 ओझा कॉलोनी क्षेत्र में कई दिनों से स्ट्रीट लाइट बंद है, जिसकी शिकायत वार्ड के भाजपा पूर्व पार्शद हरीष अग्रवाल ने लगभग 8 बार नपा में की। इसके बावजूद उनकी शिकायत का निराकरण नहीं हुआ। पूर्व पार्शद ने बताया फोन लगाने पर हर बार यही जवाब मिलता है कि वाहन खराब पडे, स्ट्रीट लाइटों को कैसे ठीक करें।
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