
उज्जैन। महाकाल क्षेत्र के होटल एवं रेस्ट हाउस कुकुरमुत्तों की तरह बन गए हैं तथा पिछले दिनों आग लगने के बाद सख्ती की गई और 15 दिन में फायर एनओसी लेना अनिवार्य किया गया था लेकिन मात्र 30 आवेदन ही आए हैं जबकि क्षेत्र में 300 यात्रीगृह और लाज संचालित हो रही हैं, जिनमें आग बुझाने के कोई प्रबंधन नहीं हैं। ऐसे में भविष्य में खतरा हो सकता है। नगर निगम ने फिर दोहराया है कि होटलें सील की जाएंगी। 270 से अधिक होटल और रेस्टोरेंट संचालकों ने अभी भी नगर निगम में हो कोई आवेदन नहीं किया है। आज से नगर निगम की टीम फायर एनओसी के लिए जो 20 पात्र आवेदन आए हैं, उनकी जाँच शुरू करेगी। इस जाँच में 1 सप्ताह का समय लगेगा और इसके बाद संबंधित आवेदकों को फायर एनओसी दी जाएगी। शहर के ज्यादातर होटल संचालकों द्वारा अभी तक फायर एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया गया। जब इस संबंध में निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह से पूछा गया तो उनका कहना था कि अभी जो आवेदन आए हैं उनकी जाँच में समय लगेगा। इतना समय अन्य होटल संचालकों को दिया जा रहा है। यदि इस समय में भी वे आवेदन नहीं करेंगे तो 20 होटलों की जाँच पूरी होने के बाद बाकी की होटलों में सील करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। उल्लेखनीय है कि निगम आयुक्त द्वारा महाकाल मंदिर क्षेत्र में होटलों की जाँच की गई थी तो होटलों में रेट लिस्ट भी लगी पाई नहीं गई थी और फायर एनओसी भी किसी के पास नहीं थी। इस पर निगमायुक्त ने स्पष्ट अल्टीमेटम दिया था कि जो फायर एनओसी नहीं लेगा उसकी होटल सील की जाएगी। इसी कड़ी में उक्त कार्रवाई हो रही है।
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