
इंदौर। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भले ही इस बार भोपाल में आयोजित की जा रही है, मगर उसका सबसे ज्यादा लाभ इंदौर, पीथमपुर, उज्जैन के औद्योगिक क्षेत्रों को ही मिलेगा, क्योंकि अधिक से अधिक निवेशक और उद्योगपति इंदौर के आसपास ही अपने संयंत्र स्थापित करना चाहते हैं। यही कारण है कि एमपीआईडीसी ने इंदौर-उज्जैन में ही लगभग 30 हजार एकड़ का लैंड बैंक तैयार किया है, ताकि समिट में आने वाले निवेशकों को जमीन की उपलब्धता बताई जा सके। पीएम मित्र पार्क, रेडिमेड कॉम्प्लेक्स, आईटी सहित इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के साथ पीथमपुर सेक्टर-7 को भी विशेष रूप से शो-केज किया जाएगा। साथ ही शासन स्तर पर भी लगभग 20 पॉलिसियां और समिट के पहले लाई जा रही है।
एक तरफ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीजनल कॉन्क्लेव आयोजित करवाई, जिसके चलते स्थानीय और अन्य बाहरी उद्यमियों को प्रदेश के विभिन्न स्थानों में निवेश करने का मौका दिया गया और इसके अच्छे परिणाम भी निकले। वहीं अपनी जर्मनी और जापान यात्रा के दौरान पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने विदेशी निवेशकों, उद्यमियों को भी समिट में आने का न्योता दिया है। अभी 24-25 फरवरी को भोपाल में जो समिट हो रही है उसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे, जिसके चलते देश के शीष औद्योगिक घरानों के साथ आईटी, ऑटोमोबाइल, स्टार्टअप से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य क्षेत्रों के दिग्गज भी आएंगे। अभी मुख्यमंत्री लगातार समिट की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। साथ ही मुख्य सचिव द्वारा भी इसकी लगातार मॉनिटरिंग समिट के पश्चात भी की जाएगी, ताकि जो एमओयू या अन्य निवेश के प्रस्ताव मिलेंगे उनका मैदानी अमल हो सके, और विभागीय बाधाओं को भी दूर किया जा सके।
एमपीआईडीसी के इंदौर, उज्जैन के प्रभारी श्री राठौर के मुताबिक लगभग 30 हजार एकड़ का लैंड बैंक हमारे पास मौजूद है, जिसे इस समिट में शो-केस किया जाएगा, जिसमें डाटा सेंटर, आईटी, स्टार्टअप से लेकर रेडिमेड कॉम्प्लेक्स, पीएम मित्र पार्क, सेक्टर-7 सहित अन्य औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। वहीं ऑटो मोबाइल, टेक्सटाइल पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है। अभी शासन ने ड्रोन पॉलिसी और जीसीसी पॉलिसी को तो घोषित कर दिया है।
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