
नई दिल्ली: भारत (India) अपनी हवाई रक्षा (Air Defense) को मजबूत करने की कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाह रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने रशियन मेड एस-400 (S-400) एयर डिफेंस से दुश्मन पाकिस्तान (Pakistan) की हर चाल को नाकाम कर दिया था. अब दुश्मन भारत की तरफ आंख उठा कर ना देख पाए और उसकी नापाक हरकतों को हवा में ही खाक करने के लिए अभेद्य रक्षा कवच बनाने की तैयारी हो रही है. भारत स्वदेशी ‘अनंत शस्त्र’ (Anant Shastra ) क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) सिस्टम बनाने जा रहा है. इसके लिए 30 हजार करोड़ में डील की फाइनल भी हो गई है. भारतीय सेना (Indian Army) ने इसी सप्ताह तीन रेजिमेंट्स के लिए इस अत्याधुनिक सिस्टम के लिए टेंडर जारी किया है. यह सिस्टम डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है. इसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) मिलकर बनाएंगे.
‘अनंत शस्त्र’ नामक यह QRSAM सिस्टम 30 किलोमीटर की रेंज और 6 से 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर दुश्मन के विमानों, हमलावर हेलिकॉप्टरों, ड्रोन्स, रॉकेट्स और मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है. यह 360 डिग्री रडार, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से सुरक्षा और मोबाइल लॉन्चर्स से लैस है. 8×8 हाई-मोबिलिटी वाहनों पर तैनात यह सिस्टम मैदानी, रेगिस्तानी और पहाड़ी इलाकों में टैंकों, पैदल सेना के वाहनों और तोपखाने को हवाई सुरक्षा प्रदान करेगा. एक अधिकारी ने बताया, ‘यह सिस्टम ‘सर्च, ट्रैक और शॉर्ट हॉल्ट पर फायर’ की क्षमता के साथ मैकेनाइज्ड कॉलम के साथ चल सकता है. यह पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर नए युग के खतरों जैसे स्वार्म ड्रोन्स और लॉइटरिंग मुनिशन्स से सुरक्षा देगा.
सेना की एयर डिफेंस (AAD) ने 11 QRSAM को देश की रक्षा के लिए लंबे रेस का घोड़ा बताई है. प्रत्येक में नौ फायरिंग यूनिट्स होंगी, जबकि भारतीय वायुसेना तीन QRSAM स्क्वाड्रन्स को शामिल करने की योजना बना रही है. यह सिस्टम पुराने रूसी मूल के OSA-AK सिस्टम को रिप्लेस करेगा. ‘अनंत शस्त्र’ में प्री-फ्रैगमेंटेड वारहेड्स, हाई-स्पीड सॉलिड फ्यूल प्रोपल्शन और सेना के अकाशतीर कमांड एंड कंट्रोल नेटवर्क को एक साथ मिलकर बनाया गया है. इसकी यहीं क्वालिटी इसे युद्धक्षेत्र में गेम-चेंजर बनाता है. यह इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के खिलाफ भी प्रतिरोधी है, जिससे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सटीकता बनी रहती है.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जब पाकिस्तान ने तुर्की और चीनी मूल के ड्रोन्स और मिसाइलों का उपयोग किया था. हालांकि, भारत की मौजूदा मल्टी-लेयर्ड हवाई रक्षा प्रणाली ने दुश्मन के हर चाल को नाकाम कर दिया था. पाकिस्तान के सभी ड्रोन को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही मार गिराया था. अब यहीं ‘अनंत शस्त्र’ इस नेटवर्क को और मजबूत करेगा. डीआरडीओ ने इस सिस्टम का दिन-रात और विभिन्न इलाकों में सफल परीक्षण किया है, जिसने इसकी विश्वसनीयता साबित की है.
यह खरीद आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम है. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में सेना नई रडार, जैमर्स और लेजर-आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम्स को भी शामिल कर रही है. यह सिस्टम विशेष रूप से लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा. ‘अनंत शस्त्र’ का उत्पादन 2026 से शुरू होने की उम्मीद है, जो भारत की रक्षा तैयारियों को नई ताकत देगा.
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