
नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) ने हवाई रक्षा को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. पाकिस्तान और चीन सीमाओं (Pakistan and China borders) पर हवाई खतरों से निपटने के लिए 5 से 6 रेजिमेंट ‘अनंत शस्त्र’ सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम खरीदने का टेंडर जारी किया गया है. यह सिस्टम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने विकसित किया है. पहले इसे क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) कहा जाता था. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 30,000 करोड़ रुपये है. सेना के अधिकारियों ने इंडिया टुडे को बताया कि यह सिस्टम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को रोकने में अहम भूमिका निभा चुका है.
मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने इस स्वदेशी सिस्टम को खरीदने की मंजूरी दी. चार दिनों के इस संघर्ष में पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया. भारतीय सेना की एयर डिफेंस यूनिट्स ने L-70 और Zu-23 गन से ज्यादातर ड्रोन नष्ट किए. आकाश और MR-SAM सिस्टम ने भी कमाल किया. भारतीय वायुसेना के स्पाइडर और सुदर्शन S-400 सिस्टम ने एकजुट होकर हवाई खतरे रोके. सेना की एयर डिफेंस विंग पहले से ही MR-SAM, आकाश और छोटे सिस्टम चला रही है. यह वायुसेना के साथ मिलकर काम करती है.
यह सिस्टम बहुत तेज और मोबाइल है. यह चलते-फिरते टारगेट को खोज और ट्रैक कर सकता है. छोटे रुकावट पर ही मिसाइल दाग सकता है. इसकी रेंज करीब 30 किलोमीटर है. यह MR-SAM और आकाश जैसे मौजूदा सिस्टम को छोटी-मध्यम दूरी में पूरक बनेगा. ट्रायल्स में इसकी क्षमता दिन-रात के हालातों में जांच ली गई. यह छोटे ड्रोन से लेकर बड़े विमानों तक को निशाना बना सकता है. पश्चिमी (पाकिस्तान) और उत्तरी (चीन) सीमाओं पर तैनाती होगी.
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी स्वदेशी हथियारों को बढ़ावा दे रहे हैं. एयर डिफेंस को नई रडार, बहुत छोटी रेंज के एयर डिफेंस सिस्टम, जैमर और लेजर-बेस्ड सिस्टम मिल रहे हैं. ये तुर्की और चीनी ड्रोन से निपटेंगे, जो पाकिस्तानी सेना के पास हैं. भविष्य में जोरावर लाइट टैंक और अन्य एयर डिफेंस सिस्टम सेना में शामिल होंगे. यह कदम सेना को आत्मनिर्भर बनाएगा.
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