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31 हाईराइज बिल्डिंगें तनेंगी सुपर कॉरिडोर पर, होटल, हॉस्पिटल, मॉल बनेंगे

February 25, 2025

प्राधिकरण ने तैयार करवाई सूची, आज भोपाल की समिट में योजना 151 सहित 5 योजनाओं में मौजूद विशाल भूखंडों की जानकारी निवेशकों के समक्ष प्रजेंटेशन के जरिए देंगे

इंदौर। नगर तथा ग्राम निवेश ने सुपर कॉरिडोर (super corridor) पर 31 हाईराइज बिल्डिंगों (31 high rise buildings ) को मंजूरी दी है, उसकी सूची पिछले दिनों कलेक्टर (Collector) आशीष सिंह (Ashish Singh) ने तैयार करवाई, ताकि सुपर कॉरिडोर पर जो खाली भूखंड पड़े हैं उन पर निर्माण कार्य शुरू कराया जा सके। प्राधिकरण खुद कन्वेंशन सेंटर के साथ स्टार्टअप पार्क जैसे बड़े प्रोजेक्ट भी ला रहा है। वहीं प्राधिकरण का यह भी कहन ाहै कि सुपर कॉरिडोर पर जो उसकी योजना है उसमें मास्टर प्लान सहित प्रमुख सडक़ों का जो निर्माण पूर्ण करवा दिया गया है, वहीं सीवरेज, नर्मदा पाइप लाइन के अलावा बिजली सहित अन्य व्यवस्थाएं भी लगभग पूरी हो गई है, जिसके चलते जिन किसानों या जमीन मालिकों को भूखंड आवंटित किए थे वे मौके पर निर्माण कार्य शुरू कर सकते हैं।



पिछले दिनों कलेक्टर आशीष सिंह ने निगम, प्राधिकरण और नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों के साथ-साथ सुपर कॉरिडोर के भूखंड मालिकों की भी बैठक बुलाई थी और उनसे यह जानने का प्रयास किया गया कि वे मौके पर निर्माण कार्य क्यों नहीं कर रहे हैं। दरअसल, सुपर कॉरिडोर पर जहां प्राधिकरण ने टेंडर के जरिए भूखंड विक्रय किए हैं, वहीं किसानों और जमीन मालिकों को नकद मुआवजे के बदले विकसित भूखंड भी दिए गए हैं, जो कि 10-20 हजार स्क्वेयर फीट से लेकर 1 लाख और उससे अधिक बड़े आकार के हैं। इन भूखंड मालिकों ने मौके पर विकास कार्य अधूरे होने की शिकायतें भी की और बिजली, पानी, कनेक्टिविटी के साथ अलग-अलग एफएआर का मुद्दा भी उठाया। दरअसल, योजना 151 में 475 भूखंड और योजना 166 में 264 भूखंड प्राधिकरण ने विकसित किए हैं। प्रशासन का मानना है कि प्राधिकरण के अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुके हैं और चूंकि 31 हाईराइज बिल्डिंगों को अनुमति भी मिल चुकी है। इसलिए इनके निर्माण में अब कोई समस्या नहीं आना चाहिए। दूसरी तरफ प्राधिकरण भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अपने बड़े भूखंडों का प्रजेंटेशन आज निवेशकों के समक्ष दे रहा है, जिसमें सुपर कॉरिडोर के अलावा 5 योजनाओं में शामिल सम्पत्तियों को लिया गया है। हालांकि प्राधिकरण किसी भी निवेशक को सीधे भूखंड आवंंटित नहीं कर सकता है, उसके लिए निर्धारित टेंडर प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा। आज प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार अपनी टीम के साथ भोपाल समिट में पहुंचे हैं।

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