
इंदौर। बंद पड़ी हुकुमचंद मिल की जमीन ना तो बिक रही है और ना ही मजदूरों की बकाया राशि मिल पा रही है। सालों से मजदूर शासन-प्रशासन से लेकर अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। अभी लॉकडाउन के दौरान ही 32 मजदूरों की मौत हो गई, जिनमें से 9 का कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया।
इंदौर हाईकोर्ट में भी पिछले कई समय से हुकुमचंद मिल की सुनवाई चल रही है। पिछले दिनों मिल की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर जो याचिका प्रस्तुत की थी उसका निराकरण करते हुए कल कोर्ट ने कहा कि 15 जून के बाद निगम इस संबंध में कार्रवाई करे। दरअसल कोर्ट ने 15 जून तक अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई रोक रखी है। वहीं हुकुमचंद मिल संघर्ष समिति के नरेन्द्र श्रीवंश के मुताबिक लगातार मजदूरों की मौत हो रही है। गत वर्ष 79 मजदूरों की मौत हुई, तो अभी जो लॉकडाउन लगा, उसमें भी 32 मर गए और 9 का तो कोरोना की चपेट में आने के कारण निधन हो गया। मुख्यमंत्री तक कई बार गुहार लगा दी, मगर मजदूरों की बकाया राशि नहीं मिल सकी है।
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