
इंदौर। दीपावली के त्योहार को ध्यान में रखते हुए शहर में विभिन्न क्षेत्रों में पटाखे की दुकानें बनाने का काम शुरू हो गया है। दुकान लगाने वाले लोग पहले तो कलेक्टर कार्यालय में लाइसेंस प्राप्त करने के लिए परेशान होते रहे, अब दुकान लगाने के लिए लूट का शिकार हो रहे हैं।
कई दिनों तक चक्कर लगाने के बाद अब उन लोगों को पटाखा दुकान लगाने के लिए लाइसेंस मिल गया है, जिन लोगों द्वारा पिछले कई सालों से इस तरह की दुकान लगाई जा रही है। इन लोगों को लाइसेंस के रूप में अनुमति देने के साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि कौन सी दुकान कौन से क्षेत्र में लगाई जाएगी। लाइसेंस प्राप्त करने वाले यह लोग जब उन्हें निश्चित किए गए क्षेत्र में दुकान लगाने के लिए पहुंचे तो वहां भी वे लोग लूट का शिकार होते हुए नजर आए। कलेक्टर कार्यालय से हर एसडीएम द्वारा उसके क्षेत्र की पटाखा दुकान वाले स्थल पर दुकान का अस्थायी निर्माण करने का कार्य ठेके पर दे दिया गया है। यह कार्य मनमानी कीमत पर ठेके पर दिया गया है। रामबाग के लोखंडे पुल के पास लगने वाली 8 बाय 8 की दुकान के लिए ठेकेदार द्वारा पटाखा व्यापारी से चार दिन का किराया 26500 रुपए मांगा जा रहा है। यह दुकान लोहे के पतरे और लकड़ी के पटिए से बनाई जाती है। ठेकेदार का कहना है कि एसडीएम के कार्यालय से जो हमारा टेंडर हुआ है इतनी ही राशि का हुआ है। यदि आपको दुकान लगाना है तो इतना पैसा जमा करो, फिर हम लॉटरी निकालकर आपको यहां पर दुकान का नंबर देंगे। पटाखा का कारोबार करने वाले लोगों में से कई लोगों का कहना है कि हम तो कर्जा लेकर छोटा सा कारोबार करते हैं। ऐसे में यदि इतना ज्यादा किराया दे देंगे तो फिर कारोबार क्या करेंगे। सारे शहर में पटाखा दुकान के निर्माण के ठेके में अलग-अलग राशि वसूल की जा रही है। गांधीनगर में दुकान लगाने वालों से 12000 वसूल किए जा रहे हैं तो विजयनगर में यह राशि 33000 रुपए है। पटाखा दुकान लगाने वाले कई लोगों द्वारा कलेक्टर शिवम वर्मा को शिकायत की गई है कि दुकान लगाने का ठेका देने में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इस गड़बड़ी के कारण दुकान लगाने वालों का आर्थिक रूप से शोषण किया जा रहा है। एसडीएम जूनी इंदौर के क्षेत्र में पटाखा व्यापारियों से की जा रही वसूली की शिकायत जब कुछ व्यापारियों द्वारा एसडीम को करने की कोशिश की गई तो वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी।
क्षमता से अधिक दुकानें बना डालीं क्षेत्र में, 30- 30 हजार हर दुकान से वसूली हो रही
कनाडिय़ा, जूनी इंदौर, बिचौली, विजय नगर क्षेत्र में प्रशासन द्वारा पटाखा दुकानों को लेकर अनुमति दी गई है, लेकिन इस अनुमति का भी भरपल्ले दुरुपयोग किया जा रहा है। ठेकेदारों के माध्यम से जहां निर्धारित दर से अधिक की वसूली की जा रही है, वहीं कलेक्टर को मिली शिकायत के अनुसार दुकानदारों से 30-30 हजार खुलेआम वसूले जा रहे हैं और उन्हें 5 से 6 हजार की रसीद ही दी जा रही है। वहीं कलेक्टर को शिकायत मिली है कि क्षमता से अधिक दुकानों का निर्माण नियमों की धज्जियां उड़ाकर किया गया है।
प्रशासन पूर्व कलेक्टर आशीष सिंह की सख्ती को बरकरार रखते हुए इस बार भी थोक व्यापारियों के स्थायी लाइसेंस नहीं बना रहा है, लेकिन विधायकों और जनप्रतिनिधियों के दबाव में प्रत्येक क्षेत्र में क्षमता से अधिक दुकानों का वितरण कर दिया गया है। कनाडिय़ा क्षेत्र में लगने वाली दुकानों व विजय नगर की दुकानों को लेकर विशेष शिकायत कलेक्टर के पास पहुंची है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि प्रत्येक दुकानदार से बल्ली और टीन की दुकानें ठोंकने के नाम पर 30-30 हजार की वसूली की जा रही है। यह खेल क्षेत्र के सभी एसडीएम के संरक्षण में किए जा रहे हैं। क्षेत्र में नियमों को ताक पर रखकर क्षमता से अधिक दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है। ज्ञात हो कि कल धनतेरस से दीपावली तक तीन दिन दुकान लगाने की परमिशन प्रशासन द्वारा दी गई है, जिसके लिए पिछले एक महीने से लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया संचालित की जा रही है, जिसमें धड़ल्ले से भ्रष्टाचार सामने आया है। कलेक्टर शिवम वर्मा ने पटाखा लाइसेंस प्रभारी अधिकारी एडीएम रोशन राय को कितनी कीमत पर कितनी दुकानों का वितरण किया गया है इसकी सूची बनाने के निर्देश दिए हैं।
एसडीएम करेंगे क्रॉस वेरिफिकेशन
एसडीएम, तहसीलदार फायर सेफ्टी विभाग के अधिकारी के साथ हर एसडीएम अन्य तहसीलों में जाकर क्रॉस वेरिफिकेशन करेंगे। इसके लिए अपर कलेक्टर राय द्वारा सूची जारी कर निर्देश दिए जा रहे हैं। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष भी दुकानदारों से ठेकेदारों ने 5000 के बजाय 25 हजार की वसूली की थी, लेकिन जब तक शिकायत सामने आई तब तक त्योहार निकल चुका था।
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