
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहमदाबाद (Ahmedabad) में एक सड़क चौड़ीकरण परियोजना (Road widening project.) के तहत 400 साल पुरानी मांचा मस्जिद (Mancha Mosque) के आंशिक तोड़फोड़ के खिलाफ दायर याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नगर निगम जनहित में काम कर रहा है और इस परियोजना के तहत मंदिर के साथ-साथ कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल संपत्तियों को भी तोड़ा गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने मांचा मस्जिद ट्रस्ट के वकील द्वारा मस्जिद की इबादतगाह (Prayer Hall) को बचाने की लगातार की जा रही मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
अहमदाबाद नगर निगम ने आस्था मेहता के माध्यम से कहा कि नगर निगम ने हाईकोर्ट के समक्ष स्पष्ट रूप से कहा था कि ट्रैफिक की भीड़भाड़ कम करने के लिए सड़क चौड़ीकरण परियोजना से केवल खाली पड़ी जमीन का एक टुकड़ा और मस्जिद के चबूतरे का एक हिस्सा ही प्रभावित होगा।
मेहता ने इस बात पर भी जोर दिया कि मस्जिद का मेन स्ट्रक्चर बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कोर्ट का ध्यान एक मंदिर के विध्वंस और स्थानीय निवासियों द्वारा स्वेच्छा से जनहित में सड़क चौड़ी करने के लिए अपनी संपत्तियां नगर निगम को देने की ओर आकर्षित किया।
बेंच ने कहा कि यह अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक अधिकार के उल्लंघन का मामला नहीं है। वक्फ बोर्ड मस्जिद की जमीन के इस्तेमाल के लिए मुआवजे का हकदार तभी हो सकता है, जब बोर्ड यह साबित कर दे कि जमीन वक्फ की है।
नमाज के लिए मस्जिद बनाने के लिए आपको ज्यादा जमीन मिल सकती है, लेकिन हाईकोर्ट का यह मानना सही है कि नगर निगम ने सड़क चौड़ीकरण के लिए मस्जिद की जमीन का एक हिस्सा लेते समय गुजरात प्रांतीय नगर निगम अधिनियम (जीपीएमसी एक्ट) के प्रावधानों का पूरी ईमानदारी से पालन किया था।”
जब मस्जिद के वकील ने इबादतगाह की सुरक्षा के लिए अदालती आदेश पर जोर दिया, तो बेंच ने कहा, “ऐसी कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं है। एक मंदिर को तोड़ा गया है और उन्होंने किसी मुआवजे का दावा नहीं किया है। हम कह रहे हैं कि अगर वक्फ बोर्ड यह साबित कर दे कि यह वक्फ की संपत्ति है, तो आप जीपीएमसी एक्ट के तहत मुआवजे के हकदार होंगे।”
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि सरसपुर में सड़क का चौड़ीकरण भीड़भाड़ कम करने और कालूपुर रेलवे स्टेशन और अहमदाबाद मेट्रो को जोड़ने वाले हिस्से पर शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है।
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