
इंदौर, कमलेश्वर सिंह सिसोदिया। शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही मरम्मत की दरकार वाले जर्जर स्कूलों की तलाश चल रही थी। राजस्थान के स्कूल में हुए घटनाक्रम के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आया और मरम्मत की दरकार वाले 402 स्कूल इंदौर जिले में चिन्हांकित किए गए। इनमें दर्जनभर ही स्कूल ऐसे हैं, जो जर्जर के श्रेणी में हैं। यहां के विद्यार्थियों को समीपस्थ स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है। बाकी स्कूलों में सामान्य मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है।
जिले के प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल और हाई सेकेंडरी स्कूलों की मॉनिटरिंग और भवन के मौजूदा हालात का पता लगाया गया है। जिले में ज्यादातर प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के भवनों को मरम्मत की दरकार सर्वाधिक है। तकरीबन 300 ऐसे स्कूल हैं, जिनमें पहली से आठवीं तक के विद्यार्थी अध्यनरत हैं। यहां पर शौचालय और रिपेयरिंग होना है। शेष हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल हैं, जहां कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी अध्यनरत हैं। शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्रों में नगर पंचायत या जिला पंचायत के प्रतिनिधि व अधिकारियों ने इंदौर जिले में 402 ऐसे स्कूल चिन्हांकित किए हैं, जहां पर मरम्मत की दरकार है। इंदौर शहर में 6 स्कूल और तकरीबन इतने ही ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों के भवन जर्जर हैं या इनमें बारिश की सीलन आने के कारण प्लास्टर गिरने का अंदेशा है। इन दर्जनभर स्कूल, जिनमें एकीकृत शालाएं भी हैं, यहां के विद्यार्थियों को समीपस्थ स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है।
बच्चों को दिक्कत ना हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा
बारिश का मौसम है। स्कूल भवनों में जल रिसाव, सीलन की स्थिति ना बने, इसका ध्यान रखा जा रहा है। मॉनिटरिंग भी की जा रही है। जिले में 402 स्कूलों की सूची मिली है, जिनमें मरम्मत की दरकार है। तकरीबन दर्जनभर स्कूल ऐसे हैं, जिनके विद्यार्थियों को समीपस्थत स्कूलों में शिफ्ट किया गया है। यहां की स्थिति जर्जर की श्रेणी या सीलन के कारण प्लास्टर गिरने का अंदेशा है।
-शांता स्वामी भार्गव जिला शिक्षा अधिकारी, इंदौर
मरम्मत के लिए 25 से 30 हजार का प्रति स्कूल प्रावधान
शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में मरम्मत के लिए 25 से 30 हजार रुपए प्रति विद्यालय को प्रदान किए गए थे। अगर किसी स्कूल में मरम्मत की अलग से दरकार है तो उसकी व्यवस्था भी की जा रही है। पहली किस्त विद्यालयों को दी जा चुकी है, दूसरी किस्त भी दी जा रही है
-संजय कुमार मिश्र
डीपीसी इंदौर
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