
पटना । बिहार कैबिनेट की अहम बैठक में (In an important meeting of the Bihar Cabinet) 41 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई (41 Proposals were Approved) । इस बैठक में राज्य के प्रशासनिक, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े कई बड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को विस्तृत जानकारी देते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने बैठक बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में पत्रकारों की पेंशन राशि बढ़ाने के सरकार के फैसले को मंजूरी दे दी गई। पत्रकारों की पेंशन राशि 6,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई है। राजगीर स्थित खेल अकादमी के लिए 1131 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इससे राज्य में खेल सुविधाओं का विस्तार होगा और युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे।
बिहार में अब राज्य सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया जाएगा। लंबे समय से लंबित इस प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इसके अलावा गन्ना उद्योग विभाग के अंतर्गत नियुक्तियों के लिए नई भर्ती सेवा नियमावली को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के गठन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। वहीं, पत्रकारों के लिए संशोधित पेंशन नियमावली को भी हरी झंडी मिल गई है। स्वास्थ्य सेवा के तहत बड़ा फैसला लेते हुए ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के आरोप में सात डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह सरकार की सेवा शिथिलता पर जीरो टॉलरेंस नीति का संकेत है।
राज्य में पशु चिकित्सा सेवा, अमीन संवर्ग, और राज्य निर्वाचन आयोग नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ी नियमावलियों को भी संशोधित कर मंजूरी दे दी गई है। शिक्षा के क्षेत्र में प्राथमिक स्कूलों के निर्माण को लेकर 270 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति दी गई है। यह कदम ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में देखा जा रहा है। बिहार राज्य युवा आयोग के अंतर्गत छह नए पदों के सृजन की भी स्वीकृति मिली है, जिससे युवा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने में सहायता मिलेगी।
एक और महत्वपूर्ण निर्णय में, अब बिहार विधानमंडल के सदस्य, न्यायिक सेवा के पदाधिकारी, राज्य सेवा के अधिकारी और उनके आश्रितों को आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी आदि चिकित्सा पद्धतियों से कराई गई चिकित्सा का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी। कैबिनेट के इन निर्णयों से साफ है कि सरकार प्रशासनिक सुधार, जवाबदेही और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दे रही है।
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