
नई दिल्ली। रेलवे ने स्पष्ट किया कि 44 सेमी हाई स्पीड ‘वंदे भारत’ ट्रेन के निर्माण की निविदा को चीन की कंपनियों द्वारा इसमें शामिल होने के चलते रद्द नहीं किया गया बल्कि इसकी असल वजह निविदा की वित्तीय जानकारी लीक होना था।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (सीआरबी) विनोद कुमार यादव ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि निविदा को उच्चतम स्तर की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए रद्द कर दिया गया है। कुछ बोलीकर्ताओं ने अपनी तकनीकी निविदा में कीमतों का खुलासा किया था। इसके चलते ही पिछले सप्ताह निविदा रद्द कर दी गई थी।
नई निविदा इसी हफ़्ते
सीआरबी ने कहा कि जुलाई में जारी संशोधित सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया) आदेश के अनुसार ‘मेक इन इंडिया’ को प्राथमिकता में लाकर इस सप्ताह में ही नए सिरे से निविदा जारी की जाएगी। असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के तहत नए टेंडर के नियम बदले जाएंगे।
निविदा में 50 प्रतिशत से अधिक स्थानीय बोलीकर्ताओं को मौका
नए निविदा दस्तावेज में सरकार के आत्मनिर्भार भारत पहल के अनुरूप 50 प्रतिशत से अधिक स्थानीय घटक का प्रावधान शामिल होगा। उन्होंने कहा निविदा स्वीकार करने वाले प्राधिकरण- महाप्रबंधक आईसीएफ (एकीकृत कोच फैक्ट्री, चेन्नई) ने निविदा समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।
कोविड के कारण ट्रेन में होंगे बदलाव
यादव ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनज़र वंदे भारत ट्रेन के डिब्बों के भीतर डिजाइन में कुछ बदलाव किये जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि आईसीएफ चेन्नई ने ग्लोबल टेंडर जारी किया था जिसमें सिर्फ़ सीआरआरसी ही एक मात्र विदेशी कम्पनी थी जिसनें बिड में हिस्सा लिया था। चीन के सीआरआरसी पायनियर इलेक्ट्रिक द्वारा सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन सेट के लिए निविदा देने के तुरंत बाद 21 अगस्त को निविदा रद्द कर दी गई थी। सीआरआरसी कारपोरेशन लिमिटेड चीन की सरकारी कम्पनी है। (एजेंसी, हि.स.)
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved