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45 हजार का खर्च… मिले सिर्फ 16 हजार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ही वाटर हार्वेस्टिंग इंजीनियर बनाएंगे

July 22, 2025

  • महिला बाल विकास विभाग की पहल… अभाव में अवसर तलाशा
  • कम खर्चे में अब केंद्र को हाईटेक बनाएंगी कार्यकर्ता, हैंड होल्डिंग सपोर्ट दे गए निगम के इंजीनियर

इंदौर, प्रियंका जैन देशपांडे। आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनवाड़ी बनाने के लिए भारत सरकार ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने की शर्त रखी है, लेकिन इसके लिए प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र के हिसाब से मात्र 16000 रुपए की मंजूरी दी है, जबकि इंदौर की 170 आंगनवाड़ी केंद्रों में लगाए जाने वाले हार्वेस्टिंग सिस्टम का खर्च प्रति आंगनवाड़ी के हिसाब से लगभग 45000 रुपए आ रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए अभाव का रोना रोने के बजाए महिला एवं बाल विकास विभाग इंदौर ने अभिनव पहल की है। इंदौर जिले में ऊंची-ऊंची इमारत में वाटर रिचार्जिंग पॉइंट और हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने वाले इंजीनियर अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ही ट्रेंड करेंगे और यह महिलाएं कम खर्चे में ही जुगाड़ से अपनी-अपनी आंगनवाड़ी को सक्षम बनाएंगी।

आंगनवाड़ी केन्द्रों का सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्रों में उन्नयन करने हेतु निर्धारित घटकों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करना भी शामिल किया गया है। पूरे देश में पहली बार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इंजीनियर बनाने की पहल की जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी रजनीश सिन्हा ने बताया कि 170 आंगनवाडिय़ों को सक्षम केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। सरकार के निर्देशानुसाररेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना का काम जिला जलशक्ति केन्द्र , केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड, म.प्र. के मार्गदर्शन तथा तकनीकी सहयोग से करवाया जाना है। लागत अधिक होने के कारण विभाग ने यह निर्णय लिया कि जुगाड़ से महिलाओं को हुनर देकर काम कराया जाए, ताकि आने वाले समय में महिलाओं के हाथ में खुद को सशक्त बनाने के लिए एक हुनर भी शामिल हो जाएगा।


सरकारी एजेंसियों ने हाथ खड़े किए
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएचई व ग्रामीण यंत्रिकीय सेवा ने 16हजार में काम करने के लिए हाथ खड़े कर दिए थे, वहीं निजी एजेंसियों ने भी इतनी कम लागत मेें कोई तैयार नहीं हो रहा था। लागत अधिक होने के कारण विभाग ने जुगाड़ से काम करने की तकनीक को अपनाया और महिलाओं के हाथों में ही हुनर देने की ठानी। अब यह महिलाएं घर में पड़े सामान व कम खर्चे में जरूरी सामान खरीदकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाएंगी और शहर के भूजल स्तर को बढ़ाने में अहम भूमिका अदा करेंगी।

74 शहरी तो 96 ग्रामीण
नगर निगम व जिला पंचायत के सलाहकार इंजीनियर बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का काम कर रहे हैं। उनके निर्देशन में ही सरकारी भवनों में काम कराए जा रहे हैं, वही कई एनजीओ भी यह काम कर रहे हैं, जिसे देखते हुए विभाग ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेंड करने की जिम्मेदारी भी इन्हें ही सौंपी है। हाल ही में विभाग ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर उन्हें ट्रेनिंग देने की जानकारी दी है। ज्ञात हो कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना हेतु सांकेतिक डिजाइन सरकार द्वारा भेजा गया है। इस आधार पर भवनों में स्थल की उपलब्धता तथा खुली जगह का आकार प्रकार देख का निर्माण कर कराया जाना है, जिसके लिए इंदौर शहरी 74 आंगनवाड़ी व ग्रामीण क्षेत्र की 96 आंगनवाडिय़ों में सिस्टम डेवलप करना है। आज से विभाग ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेंड करना शुरू कर दिया है।

अगस्त में भारत सरकार का दल जांच करने आएगा
आंगनवाडी केंद्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों में अपग्रेड करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के साथ कई अन्य मानक भी निर्धारित किये गए हैं। आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 अन्तर्गत प्राप्त गाइडलाइन में भारत सरकार पोषण वाटिका, पोषण आहार जैसे की पैरामीटर जांच रहा हैं। यह काम पूरा करने के बाद जानकारी विभागीय सम्पर्क ऐप में छायाचित्र के साथ अपलोड करनी है। महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी सिन्हा से मिली जानकारी के अनुसार अगस्त माह में भारत सरकार का दल जांच करने के लिए इंदौर आएया। तब तक यह काम पूरा करना है, जिसके लिए युद्धस्तर पर तैयारी शुरू हो गई है।

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