
इंदौर। कल नागपंचमी (Nagpanchami) का दिन इंदौर (Indore) जिले में महीनों से सपेरों की कैद में नागों (snakes) के लिए मुक्ति का यानी आजादी का दिवस बन गया। कल नागपंचमी पर वन विभाग इंदौर ने पिटारे में कैद रखने वाले सपेरों से नागों को मुक्ति दिलाने के लिए अलग-अलग स्थानों पर टीम को तैनात किया था।
इंदौर फारेस्ट रेंजर के अनुसार वन विभाग ने सभी फारेस्ट रेंज में गैर कानूनी रूप से वन्यजीव को कैद रखने वाले सपेरों की धरपकड़ के लिए 12 से ज्यादा टीमों को इंदौर, महू, चोरल, मानपुर में तैनात किया गया था। कल सुबह से दोपहर तक वनरक्षकों ने इंदौर रेंज से 28 और चोरल में 10 और मानपुर में 10 यानी कुल 48 सपेरों को नागों का प्रदर्शन करते पकडक़र उनके पास मौजूद सभी नाग जब्त किए गए। बाद में सभी को चोरल, मानपुर और इंदौर सीमा से बाहर जंगलों में छोड़ दिया गया। इंदौर वन विभाग की चार फारेस्ट रेंज में महू ही ऐसी रेंज रही, जहां एक भी सपेरा नहीं पकड़ाया। इस मामले में वन विभाग ने महू के लगभग सभी सपेरे नागपंचमी पर इंदौर आ जाते हैं, इसलिए महू में एक भी सपेरा नजर नहीं आया।
सिर्फ नागपंचमी ही क्यों… ऐसी कार्रवाई सालभर चलनी चाहिए
पर्यावरण और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए काम करने वाले वन विभाग से सम्बंधित एनजीओ संचालक रितेश खाबिया ने कहा कि नाग भी वन्यजीव है। इसे पकडऩा, कैद में रखना या मारना गैर कानूनी है। नागों को सपेरों से छुड़वाने वाली कार्रवाई सिर्फ नागपंचमी के दिन ही नहीं, बल्कि वन विभाग को यह सालभर चलाना चाहिए।

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved