
इंदौर। नगर निगम में भी कल 15 अगस्त को ध्वजारोहण के साथ उत्कृष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों और सफाई दीदी का सम्मान किया गया। 60 से अधिक कर्मचारी सम्मानित हुए। इस अवसर पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पांच संकल्प भी दिलवाए और साथ ही 1 हजार रुपए के हेल्थ पैकेज का लाभ देने की घोषणा भी कर्मचारियों के स्वास्थ्य के मद्देनजर की।
महापौर भार्गव ने कल सुबह निगम प्रांगण में ध्वजारोहण किया। इिस अवसर पर आयुक्त शिवम वर्मा, महापौर परिषद सदस्य, पार्षदों के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद रहे। 60 से अधिक निगम अधिकारी और कर्मचारी सम्मानित भी हुए तो 15 अगस्त के मुख्य समारोह में कलेक्टर आशीषसिंह द्वारा अपर आयुक्त मनोजकुमार पाठक, अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी, जोनल अधिकारी आनंद रेदास, उपयंत्री आशुतोष यादव, सहायक राजस्व निरीक्षक रूपेश कदम, मुख्य स्वच्छता निरीक्षक शिवेंद्र सिकरवार, दरोगा रोहित करोसिया, सफाई मित्र कमला रानवे, गुरदीप पिता करतार को प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
वहीं भार्गव ने अपने संबोधन में कहा कि लगातार 8 बार स्वच्छता में नंबर वन आकर इंदौर ने पूरी दुनिया में सफाई की मिसाल कायम की और सिविक सेंस भी इंदौर नंबर वन रहा है। उन्होंने पांच संकल्प भी दिलवाए, जिनमें नागरिकों के कार्य प्राथमिकता से करने, तय समयसीमा में विकास कार्यों को पूरा करने, जनजागरण के माध्यम से नगरीय जीवन के प्रति नागरिकों के कत्र्तव्य भाव के श्रेष्ठतम आयाम स्थापित करने, शहर की धरोहर, नगरीय सम्पत्ति और परंपरा को जीवित रखने लिए उत्प्रेरक का कार्य करने के साथ ही प्रत्येक निगम कर्मचारी से यह भी आह्वान किया गया कि वह प्रत्येक माह अवकाश के दिन नगर के पर्यावरण हित में जनकल्याण से जुड़ा कोई कार्य करे। महापौर ने निगम कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य के मद्देजनर एक हजार रुपए प्रतिमाह के अतिरिक्त हेल्थ पैकेज की भी घोषणा की और साथ ही शेष रह गए कर्मचारियों के भी शीघ्र विनियमितीकरण का लाभ मिलने का भरोसा दिलाया।
निगम में स्वाधीनता दिवस पर हर साल जो कार्यक्रम होता है उसमें बहुत अव्यवस्थाएं रहती हैं और एक व्यवस्थित कार्यक्रम के रूप में वह कभी भी नहीं हो पाता है। इस परंपरा को नगर निगम द्वारा इस बार तोड़ दिया गया। इस बार नगर निगम में स्वाधीनता दिवस का कार्यक्रम एक व्यवस्थित कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया। ध्वजारोहण के लिए जो स्थान बनाया गया था वहां पर केवल महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम आयुक्त शिवम वर्मा ही मौजूद रहे। महापौर परिषद के अन्य सदस्य वहां पर प्रविष्ट नहीं हो सके।
ध्वजारोहण के पश्चात श्रेष्ठ कार्य करने वाले निगमकर्मियों का जो सम्मान समारोह होता है वह भी इस बार अलग रहा। हमेशा तो इस सम्मान समारोह में किसी का भी नाम बुलाया जाता है और कोई भी कर्मचारी आगे आकर सम्मान के रूप में निगम द्वारा लाए गए स्मृति चिह्न को प्राप्त कर लेता है। इस बार सम्मानित होने वाले कर्मचारियों को स्मृति चिह्न की जगह फ्रेम किए गए प्रमाण पत्र दिए गए। इस मौके पर भी व्यवस्था को इतनी बेहतर तरीके से संजोया गया था कि जिस कर्मचारी का नाम लिया जा रहा था वही आकर सम्मान प्राप्त कर पा रहा था। इस सम्मान समारोह में जरूर इस तरह से व्यवस्था रखी गई थी कि कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए महापौर परिषद के सदस्य भी सम्मान के फोटो में बराबर आ सकें।
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