img-fluid

54 सरकारी स्कूलों में लटकेगा ताला

December 26, 2025

  • जिले में शिक्षकों की कमी के कारण अगले साल से स्कूलों को बंद करने की कवायद

जबलपुर। जिले में सरकारी स्कूलों की संख्या लगातार घटती जा रही है और अब आने वाले वर्ष में 54 शासकीय स्कूलों पर ताले लटकने का खतरा मंडरा रहा है। इसका मुख्य कारण शिक्षकों की भारी कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापना को लेकर शिक्षकों की अनिच्छा बताया जा रहा है। हालात यह हैं कि जिले के 54 स्कूल ऐसे हैं, जहां केवल एक ही शिक्षक के भरोसे पढ़ाई संचालित हो रही है या फिर अतिथि शिक्षकों के सहारे काम चलाया जा रहा है।
शिक्षा विभाग के अनुसार, एक शिक्षकीय शालाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना मुश्किल होता जा रहा है। यही कारण है कि विभाग इन स्कूलों को बंद करने या अन्य स्कूलों में मर्ज करने पर विचार कर रहा है। हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय भोपाल स्तर से लिया जाना है, क्योंकि यह समस्या केवल जबलपुर जिले तक सीमित नहीं है। पूरे प्रदेश में करीब 5 हजार से अधिक स्कूल इसी तरह शिक्षक संकट से जूझ रहे हैं।
पिछले साल जिले में शिक्षकविहीन होने के कारण 10 शासकीय स्कूल बंद किए गए थे। इस साल भी एक शिक्षकीय शालाओं पर संकट गहराता जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जिन स्कूलों में छात्र संख्या कम हो जाती है, वहां पदस्थ शिक्षक अतिशेष घोषित कर अन्यत्र स्थानांतरित कर दिए जाते हैं। इसके बाद स्कूल धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर पहुंच जाता है।



जिले में सरकारी ही नहीं, बल्कि निजी स्कूलों की स्थिति भी चिंताजनक है। घटती छात्र संख्या के चलते पिछले साल ही 20 निजी स्कूल बंद हो चुके हैं। जानकारों का मानना है कि शिक्षा विभाग स्कूलों को बंद करने पर तो तेजी दिखा रहा है, लेकिन यह जानने की गंभीर कोशिश नहीं कर रहा कि आखिर छात्र संख्या घट क्यों रही है और बच्चे स्कूलों से दूर क्यों हो रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यदि 54 एक शिक्षकीय शालाओं को बंद किया जाता है, तो वहां अध्ययनरत बच्चों को 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित सांदीपनि विद्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा शेष बच्चों को नजदीकी अन्य शासकीय स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो और उनका भविष्य सुरक्षित रहे।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदेश में पिछले कई वर्षों से शिक्षकों की नियमित भर्ती नहीं हुई है, जिसके चलते शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की संख्या लगातार घटती जा रही है। अतिथि शिक्षकों के माध्यम से कमी पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। यही वजह है कि अभिभावक धीरे-धीरे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों से हटाकर अन्य विकल्प तलाशने लगे हैं।

Share:

  • खरवार परिवार का वार्षिक मिलन समारोह हर्षोल्लास के साथ संपन्न

    Fri Dec 26 , 2025
    नईदिल्ली। नांगली बिहार एक्स्टेंशन, नईदिल्ली स्थित किसान वाटिका (Farmer’s Garden) के प्रांगण में “खरवार वेलफेयर सोसाइटी, दिल्ली प्रदेश” (Kharwar Welfare Society, Delhi Pradesh) द्वारा 21 दिसम्बर को आयोजित कार्यक्रम खरवार परिवार वार्षिक मिलन समारोह (Annual Reunion) का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर परदेश के कई राज्यों से खरवार समाज के सामाजिक नेताओं ने अपनी […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved