
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) की बैठक में किसानों और रेलवे (Farmers and Railways) से जुड़े छह फैसले किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बताया कि दो फैसले किसानों से जुड़े हैं और चार फैसले रेलवे से जुड़े हैं। इस मीटिंग का आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में गुरुवार को हुआ। बैठक में 15वें वित्त आयोग चक्र (Finance Commission Cycle) के दौरान चल रही केंद्रीय क्षेत्र योजना ‘प्रधानमंत्री किसान संपदा योजन’ के लिए 1920 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च को मंजूरी दी गई है। अब इस योजना का बजट बढ़कर कुल 6520 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की घटक योजना एकीकृत शीत श्रृंखला और मूल्य संवर्धन अवसंरचना के अंतर्गत 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों को बनाने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना के तहत एनएबीएल मान्यता प्राप्त 100 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी। इनकी स्थापना के लिए 1000 करोड़ रुपये और 15वें वित्त आयोग के दौरान पीएमकेएसवाई की विभिन्न घटक योजनाओं के अंतर्गत परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए 920 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
आईसीसीवीएआई और एफएसक्यूएआई दोनों ही योजनाएं पीएमकेएसवाई योजना का हिस्सा हैं। ये दोनों योजनाएं मांग के आधार पर चलती हैं। ऐसे में देश भर की पात्र संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित करने के लिए अभिरुचि पत्र जारी किए जाएंगे। आओआई के अंतर्गत प्राप्त प्रस्तावों को मौजूदा योजना दिशानिर्देशों के अनुसार पात्रता मानदंडों के अनुसार उचित जांच के बाद अनुमोदित किया जाएगा।
प्रस्तावित 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों के कार्यान्वयन से इन इकाइयों के अंतर्गत विकिरणित खाद्य उत्पादों के प्रकार के आधार पर प्रति वर्ष 20 से 30 लाख मीट्रिक टन तक की कुल परिक्षण क्षमता सृजित होने की उम्मीद है। निजी क्षेत्र के अंतर्गत प्रस्तावित 100 एनएबीएल मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना से खाद्य नमूनों के परीक्षण के लिए उन्नत अवसंरचना का विकास होगा, जिससे खाद्य सुरक्षा मानकों का अनुपालन और सुरक्षित खाद्य पदार्थों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
सहकारिता क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए एनसीडीसी को अधिक मजबूत बनाने का फैसला किया गया है। इसकी कैपिटल 2000 करोड़ रुपए बढ़ाई गई है। सहकारिता की नई नीति हाल ही में लॉन्च की गई थी। एनसीडीसी जो कर्ज देती है, उसका नेट एनएपी शून्य है। इस योजना के तहत अगले चार साल तक हर साल 500 करोड़ का कर्ज दिया जाएगा। कुल 20 हजार करोड़ का कर्ज दिया जाएगा। इससे करीब 13 हजार सहकारी सोसायटी और 3 करोड़ सदस्यों को फायदा होगा।
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