
इंदौर। नगर निगम ने चंदन नगर – कालानी नगर रोड के लिए टेंडर तो बुला लिए, मगर अभी शासन स्तर पर भू-उपांतरण प्रस्ताव लम्बित पड़ा है। आरडब्ल्यूवन चंदन नगर चौराहा से नगीन नगर होते हुए नंदन नगर की लिंक रोड 930 मीटर लम्बी और 18 मीटर चौड़ी करने के लिए उक्त उपांतरण प्रस्ताव निगम ने भिजवा रखा है। हालांकि एक-दो दिन में नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा इसकी सूचना जारी करते हुए दावे-आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कल भी उनकी इस संबंध में नगर तथा ग्राम निवेश अधिकारियों से चर्चा हुई है।
\बीते अनेक वर्षों से पश्चिमी रिंग रोड का निर्माण इसीलिए अधूरा रहा, क्योंकि चंदन नगर के मकानों को तोडऩा संभव नहीं पाया गया। यहां तक कि प्राधिकरण ने भी एलिवेटेड ब्रिज की योजना बनाई और यहां के रहवासियों को भूखंड तक अलॉट कर दिए थे, जो बाद में रद्द करना पड़े। अब महापौर भार्गव ने इसका वैकल्पिक उपाय निकाला, जिसके चलते 60 फीट रोड बनाना तय किया गया। हालांकि इसमें भी लगभग 300 मकान-दुकान चपेट में आ रहे हैं।
अभी नगर निगम की टीम रोजाना नपती-सर्वे की कार्रवाई में भी जुटी है। महापौर के मुताबिक कल भी उनकी संयुक्त संचालक विष्णु खरे से चर्चा हुई और एक-दो दिन में भू-उपांतरण प्रस्ताव की सूचना जारी हो जाएगी। इसके बाद दावे-आपत्ति और सुनवाई की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मास्टर प्लान में इसका प्रावधान करने संबंधी गजट नोटिफिकेशन जारी होगा। निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेन्द्र राठौर के मुताबिक एक से डेढ़ महीने का समय भू-उपांतरण की इस प्रक्रिया में लगेगा और अभी चूंकि बारिश का समय है और सडक़ निर्माण उसके बाद ही शुरू हो पाएगा, तब तक इसके साथ सडक़ निर्माण के टेंडर, सर्वे सहित अन्य प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने फ्लैटों में निगम शिफ्ट भी करवाएगा। इस सडक़ के बनने से अभी जो यातायात जाम लगता है उससे तो निजात मिलेगी ही, वहीं एयरपोर्ट और सुपर कॉरिडोर जाने वालों को भी आसानी होगी।
50 मकान पूरे साफ होंगे, तो 60 बचेंगे सिर्फ 10 फीट
नगर निगम ने जो अभी प्रारम्भिक सर्वे 60 फीट सडक़ निर्माण के लिए करवाया है, उसमें लगभग 300 मकान-दुकान और अन्य निर्माण चपेट में आ रहे हैं। सर्वे करने वाले निगम अमले का कहना है कि इनमें से 50 मकान तो पूरे ही साफ हो जाएंगे, यानी 100 प्रतिशत टूटेंगे। वहीं लगभग 60 मकान ऐसे हैं, जो सिर्फ 10 फीट ही तोडऩे के बाद बचेंगे। अभी लगातार निगम निशान लगाने और सर्वे की कार्रवाई में भी जुटा है तो दूसरी तरफ इसका विरोध भी किया जा रहा है और 40 फीट सडक़ निर्माण करने की सलाह भी निगम को मिल रही है। दूसरी तरफ जिनके मकान-दुकान पूरी तरह टूट रहे हैं या अधिकांश हिस्सा सडक़ निर्माण में जाएगा उन्हें टीडीआर पॉलिसी का लाभ भी देंगे, मगर उसके साथ एक अड़चन यह भी है कि चूंकि यह अवैध कॉलोनी है तो यहां टीडीआर पॉलिसी का लाभ दिया जाना संभव है या नहीं, इसका भी परीक्षण निगम द्वारा किया जा रहा है।
एक अनार 100 बीमार… सर्वे में लिखवा दिए सबके नाम
नगर निगम अमले के सामने एक अनार 100 बीमार वाली स्थिति भी यहां सर्वे के दौरान निर्मित हो रही है। दरअसल, एक छोटे मकान के 4-4 हिस्से कर दिए गए और कई लोगों को ये हिस्से बिके तो कई हिस्सों में किराएदार रह रहे हैं या दुकानें खोल रखी हैं। जैसे ही लोगों को पता चला कि निगम सर्वे कर रहा है तो परिवार के सभी सदस्यों के अलावा बाहर रहने वाले रिश्तेदारों तक के नाम लिखवा दिए। एक परिवार में जितने सदस्य हैं सभी के लिए अलग-अलग व्यवस्थापन के तहत फ्लैटों की मांग भी की जाएगी। अब निगम को यह तय करना पड़ेगा कि इनमें पात्र कौन है और अपात्र कौन और यह इतना आसान नहीं रहेगा, क्योंकि इसमें नेतागीरी भी जमकर की जाएगी।
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