
भोपाल। प्रदेश में अपराध का ग्राफ कितना बढ़ रहा है, इसका अंदाजा जेलों कैदियों की संख्या से भी लगाया जा रहा है। मौजूदा स्थिति में मप्र की जेलों में क्षमता से 64 प्रतिशत ज्यादा कैदी भरे हैं, जबकि तीन साल पहले यह आंकड़ा 52 प्रतिशत था। पिछले वर्षों में कैदियों की संख्या में तो वृद्धि हुई पर उस अनुपात में जेलों की क्षमता नहीं बढ़ाई गई। अब इंदौर, छिंदवाड़ा और दतिया में क्षमता बढ़ाने के लिए नई जेल बनाई जा रही हैं, पर इनसे भी दो हजार 372 कैदियों को रखने की क्षमता ही बढ़ पाएगी। जबकि नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और उज्जैन में खुली जेल भी बना रही है। सभी जगह 20 कैदियों को रखने की क्षमता रहेगी। 38 जेलों में दो-दो बैरक बढ़ाई जा रही हैं। एक बैरक में 10 कैदी रहते हैं। इस तरह 760 कैदियों की क्षमता बढ़ जाएगी।
जेल मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की केंद्रीय जेल, जिला जेल, खुली जेल और उप जेलों की क्षमता 29 हजार 361 है, जबकि 48 हजार 139 कैदी रखे गए हैं। जेलों में रखे कैदियों में से 57 प्रतिशत विचाराधीन और बाकी दंडित हैं। रिपोर्ट के अनुसार महिला बंदी आवास क्षमता 1916 है, जबकि 1878 कैदी हैं। यानी, महिला बंदियों की संख्या क्षमता से कम ही है। जेल महानिदेशक अरविंद कुमार के अनुसार तीन जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता बढ़ाई जा रही हैं। तीन नई खुली जेल बनाने का काम चल रहा है। इसके अलावा बैरक भी बढ़ाई जा रही हैं।
जलों की बढ़ाई जा रही है क्षमता
इंदौर के केंद्रीय जेल की क्षमता अभी 1203 कैदी रखने की है,पर दो हजार 704 को रखा गया है। यहां नया भवन बनाया जा रहा है, जिससे तीन हजार 41 कैदियों को रखा जा सकेगा। यह भवन बनाने का काम 2005 से चल रहा है। तीन बार निर्माण एजेंसी बदली जा चुकी है। भवन बनने में अभी कम से कम दो वर्ष और लग जाएंगे। 209 करोड़ रुपये से भवन बनाया जा रहा है। छिंदवाड़ा जेल की क्षमता अभी 450 कैदियों की है। 127 करोड़ रुपये से नया भवन बनाया जा रहा है। इसके बाद आठ सौ कैदी रखे जा सकेंगे। अभी 30 प्रतिशत काम ही हो पाया है। नया भवन बनाकर दतिया जेल की क्षमता 195 से बढ़ाकर 379 की जानी है, पर अभी भवन बनाने का काम ही शुरू नहीं हुआ है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved