
इंदौर। पिछले दिनों कैबिनेट ने इंदौर-रीवा के बड़े सरकारी अस्पतालों के लिए एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि मंजूर की। इसमें एमवाय अस्पताल का भी नवनिर्माण होना है, जिसमें 700 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे। 1450 बिस्तरों की नई बिल्डिंग बनने के साथ आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वहीं दूसरी तरफ देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की जमीनों पर भी 7 नए टॉवर यानी बिल्डिंगें निर्मित की जाएंगी।
शासन ने इन सभी निर्माण कार्यों का जिम्मा मध्यप्रदेश भवन विकास निगम को सौंपा है, जो इंदौर के अलावा रीवा के मेडिकल कॉलेज, बड़वाह, भोपाल, शिवनी सहित अन्य जिलों में करोड़ों रुपए के कार्य करवाएगा। इसके लिए उपयुक्त ठेकेदार फर्मों के लिए निगम ने टेंडर भी जारी कर दिए हैं, जिसमें इंदौर एमवाय अस्पताल के लिए 588 करोड़ का भी टेंडर शामिल है, जिसमें एमवाय अस्पताल का जीर्णोद्धार और नवनिर्माण शामिल है।
इसके अलावा बिचौली हप्सी में नया तहसील कार्यालय भी निर्मित किया जाएगा, जिस पर 6 करोड़ 27 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय से जुड़े निर्माण कार्यों पर 111 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यानी इंदौर के इन तीनों प्रोजेक्टों पर 705 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इसके लिए उक्त टेंडर बुलाए गए हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय की नवनिर्मित होने वाली 7 बिल्डिंगों के निर्माण का ठेका पहले इंदौर विकास प्राधिकरण को सौंपना तय किया था और उसके मुताबिक प्राधिकरण ने तैयारी भी कर ली और दोनों के बीच काफी प्रक्रिया भी पूरी हो गई, मगर उसके बाद विश्वविद्यालय में हुए परिवर्र्तन के बाद प्राधिकरण को यह ठेका नहीं दिया और अब मध्यप्रदेश भवन विकास निगम यह कार्य करवाएगा। प्राधिकरण को इस ठेके के बदले तीन प्रतिशत प्रशासकीय व्यय की राशि डिपॉजिट वर्क के रूप में प्राप्त होना थी। पूर्व में भी प्राधिकरण अन्य विभागों के लिए इस तरह के कार्य करवा चुका है, जिसमें आरटीओ भवन का निर्माण, लोक निर्माण, परिवहन, स्वास्थ्य के साथ-साथ कई अन्य बिल्डिंगें बनाई है। अब विकास निगम एमवाय, तहसील कार्यालय और विश्वविद्यालय परिसर में नई बिल्डिंगों के निर्माण की जिम्मेदारी पूरी करेगा।
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