
नांदेड़ । नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में (In Nanded Government Hospital) कल रात से (Since Last Night) 4 शिशुओं सहित 7 और लोगों की मौत हो गई (7 More People including 4 Infants Died) । “यह पहली बार नहीं है, अगस्त 2023 में, ठाणे के एक अस्पताल में 18 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी। इससे सरकारी स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो गए है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने मंगलवार एक एक्स पोस्ट में कहा कि सरकारी अस्पताल में मौतों का सिलसिला लगातार जारी है और सरकार को इसके लिए जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।
आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह आगे कदम उठाने से पहले घटना पर पूरी जानकारी लेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ने त्रासदी पर दुख व्यक्त किया, भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की और उपचारात्मक कदम उठाने का आह्वान किया। खड़गे ने कहा, हम नांदेड़ त्रासदी की जांच और जिम्मेदार लोगों के लिए कड़ी सजा की मांग करते हैं। राहुल गांधी ने तीखे स्वर में कहा, “बीजेपी सरकार के पास प्रचार पर खर्च करने के लिए हजारों करोड़ रुपये हैं, लेकिन बच्चों की दवाओं पर नहीं, बीजेपी के लिए गरीबों की जान की कोई कीमत नहीं है।”
प्रियंका वाड्रा ने आग्रह किया, “सरकार को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देना चाहिए।” राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले, प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे, सांसद संजय राउत, सुषमा अंधारे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रवक्ता संदीप देशपांडे और अन्य ने नांदेड़ अस्पताल में हुई मौतों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सुले ने मांग की, “इन मौतों के लिए महाराष्ट्र सरकार जिम्मेदार है और स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत को इस्तीफा देना चाहिए।”
गौरतलब है कि सोमवार दोपहर को नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 12 शिशुओं समेत 24 मौतों के खुलासे से राज्य सहम गया था। चव्हाण ने कहा कि उन्होंने डीन डीआर से बात की है। उन्होेंने नर्सिंग और चिकित्सा कर्मचारियों की कमी, कुछ उपकरणों के काम न करने या कुछ विभागों के विभिन्न कारणों से निष्क्रिय होने की जानकारी दी। अंधारे ने स्वास्थ्य अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया और अगस्त के मध्य में ठाणे के छत्रपति शिवाजी महाराज सरकारी अस्पताल में 18 मरीजों की इसी तरह मौत हो गई थी।
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