
चंडीगढ़ (Chandigarh) । पिछले दो महीने से पंजाब पुलिस (Punjab Police) के लिए सिरदर्द बना खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (Khalistan supporter Amritpal Singh) आखिरकार 36 दिनों बाद असम की डिब्रूगढ़ जेल पहुंच गया। उसने अपनी गिरफ्तारी की कहानी योजनाबद्ध तरीके से लिखी और खालिस्तान के आतंकी जनरैल सिंह भिंडरावाले (Terrorist General Singh Bhindranwale) के मोगा जिले स्थित गांव रोडे के गुरुद्वारे से सुबह पौने छह बजे गिरफ्तारी दी।
गिरफ्तारी के पहले उसने खालिस्तान की लड़ाई को आगे बढ़ाने वाली बात कही। पुलिस को गिरफ्तारी के लिए इनपुट एसजीपीसी के जत्थेदार से मिले। एक महीने से अधिक की फरारी के दौरान उसे कई राज्यों के गुरुद्वारों में शरण मिली। कुछ रिश्तेदारों ने भी मदद की।
अमृतपाल सिंह से पुलिस को जो फौरी जानकारी मिली है, उसके मुताबिक उसने इस दौरान पंजाब-हरियाणा (Punjab-Haryana) के अलावा उत्तराखंड और दिल्ली के 22 गुरुद्वारों में शरण ली। उसे गुरुद्वारों में जरूरत की हर चीज उपलब्ध कराई गई। उसने अपने सात रिश्तेदारों के घरों को भी ठिकाना बनाया। उसकी योजना थी कि वो पत्नी के ब्रिटेन चले जाने के बाद नेपाल के रास्ते दुबई पहुंचता और फिर आगे की योजना तैयार करता मगर जब उसकी पत्नी किरणदीप को अमृतसर एयरपोर्ट पर रोक लिया गया, तब वो संकट में आया।
उसकी पत्नी और रिश्तेदारों ने अकाल तख्त के जत्थेदार से मिलने का वक्त मांगा मगर फिर कुछ रिश्तेदारों को भेजकर मदद का आग्रह किया। रिश्तेदारों और जत्थेदार की चर्चा के बाद उसके आत्मसमर्पण की योजना तैयार की गई।
संदेश जारी किया
योजना के तहत अमृतपाल रोडे गांव के गुरुद्वारे में रात पहुंचा और वहीं रुका। सुबह उसने संदेश जारी किया। जिसमें उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की बात कही। इस दौरान उसने पांच ककार (केश, कृपाण, कंघा, कड़ा और कच्छा) पहनकर गिरफ्तारी दी। हालांकि, अमृतपाल दुबई में रहने के दौरान केश कतरवा रखे थे और सिख मर्यादा के सिद्धांतों का पालन नहीं करता था मगर जब से वापस पंजाब आया है, तो खुद को भिंडरावाले की तरह का लुक देने की कोशिश करता रहा है।
इसके जरिये वो लोगों की भावनाओं को भड़काकर और पंजाब के हितों की बात करके खुद को पंजाब का असली वारिस साबित करने की कोशिश करता है। आज उसने यही प्रदर्शित किया।
तनाव फैलाने की साजिश सफल नहीं हुई
पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त पूरा ध्यान रखा कि कहीं भी गुरुद्वारे की मर्यादा न टूटे, नहीं तो अमृतपाल की तनाव फैलाने की साजिश सफल हो जाती। उसने बार-बार यह कोशिश की, कि कोई गलती हो जाए मगर पुलिस ने सावधानी बरती। पंजाब पुलिस के आईजी डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अभी उसे पंजाब से दूर भेजना जरूरी था, इसलिए उसे भी उसके साथियों के पास असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया। उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा, तब पूरे नेटवर्क का भी खुलासा होगा।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved