
भोपाल। मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा के लिए बैंकों से कर्ज लेने वाले 7 हजार से अधिक छात्र डिफाल्टर घोषित हो गए हैं। यह छात्र समय पर अपने कर्ज की अदायगी नहीं कर पाए। वर्ष 2020 से 2023-24 तक उच्च शिक्षा के लिए 72 हजार से अधिक छात्रों ने बैंकों से ऋण लिया था, लेकिन नौकरी नहीं मिल पाने या अन्य वजहों से 7 हजार से अधिक छात्र समय पर अपने लोन की अदायगी नहीं कर पाए और उन्हें डिफाल्टर घोषित किया जा चुका है। इनमें से एक छात्र का ऋण तो सरकार ने अपनी ओर से भरा है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में अशिक्षित बेरोजगारों से कहीं अधिक संख्या शिक्षित बेरोजगार युवाओं की है, जो सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
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