
भोपाल (Bhopal) । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) में कांग्रेस (Congress) पूरी शिद्दत से प्रचार में जुटी है। पार्टी को इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है, मगर कई सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले ने उसकी चिंता बढ़ा दी है। कुछ सीट पर पार्टी के बागी उम्मीदवार (Candidate) चुनाव मैदान में हैं। वहीं, बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) का गठबंधन भी कई सीट पर नतीजों का रुख बदल सकता है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस कई दिन की मशक्कत के बावजूद पार्टी के बागी उम्मीदवारों को मनाने में सफल नहीं हो पाई है। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि खत्म होने के बाद पार्टी ने ऐसे 39 नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। मगर, जानकारों का मानना है कि ये बागी उम्मीदवार कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं। क्योंकि, कई सीट पर लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है और इसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है।
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आक्रामक चुनाव प्रचार के बावजूद बागी उम्मीदवार पार्टी के लिए चुनौती पैदा कर सकते हैं। वहीं, बसपा-गोंगपा गठबंधन भी कई सीट पर असरदार साबित हो सकता है। वर्ष 2018 में गोंगपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और एक सीट जीती थी।
तब गोंगपा ने चुनाव में कांग्रेस को 20 सीट पर नुकसान पहुंचाया था। वहीं, बसपा के चुनाव लड़ने से भी कई सीट पर लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। पिछले चुनाव में बसपा ने दो सीट जीती थी।
चुनावी रणनीतिकार मानते हैं कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार करीब 70 सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। जबकि, वर्ष 2018 के चुनाव में करीब 55 सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था। इनमें से ज्यादातर सीट पर भाजपा को जीत मिली थी। ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना वाली सीट पर कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार को आक्रामक बनाने की तैयारी कर रही है, ताकि उसका मुकाबला सीधा भाजपा से हो।
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