
नई दिल्ली (New Delhi) । देश 77वें स्वतंत्रता दिवस (77th Independence Day) के रंग में सराबोर है। आजादी के 76 साल के सफर में भव्य भारत (India) ने जमीन से लेकर अंतरिक्ष (space) तक में कामयाबी की इबारत लिखी है। दुनिया भारत को उम्मीद की नजर से देख रही है। अमेरिका से लेकर फ्रांस, जापान और दुनिया के सभी संपन्न मुल्क भारत के साथ दोस्ती का हाथ मिलाकर चल रहे हैं। आइए जानते हैं कि आजादी के बाद कामयाबी की इबारत लिख रहा भारत कैसे मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।
1.अर्थव्यवस्था: तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था की राह पर भारत
भारत वर्ष 2022 में ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना था। आरबीआई के अनुसार वर्ष 2023 के आखिर तक भारतीय अर्थव्यवस्था 3.7 ट्रिलियन डॉलर की होगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार भारत वर्ष 2027 तक 5.4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
दुनिया में रुपये की स्वीकार्यता बढ़ी
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार भारत दुनिया के 22 देशों के साथ रुपये में कारोबार कर रहा है। जर्मनी, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, श्रीलंका, मलयेशिया जैसे देशों से रुपये में कारोबार हो रहा है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कारोबार के लिए रुपये पर निर्भरता को खत्म करना है। इन देशों से रुपये में कारोबार शुरू होने से आर्थिक गतिविधियों को और तेजी मिलेगी।
2.अंतरिक्ष: भारत का यहां भी बढ़ा दमखम
भारत अंतरिक्ष की दुनिया का भी केंद्र बन रहा है। बेल्जियम की अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन कंपनी आर्थर डी लिटिल के अनुसार वर्ष 2040 तक भारत का अंतरिक्ष बाजार 40 से 100 अरब डॉलर के पार हो जाएगा। भारत का अंतरिक्ष उद्योग अभी आठ अरब डॉलर है। वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की भागीदारी दो फीसदी है। भविष्य में ये दस फीसदी से अधिक होगी।
चांद पर कदम रखने को तैयार भारत
भारत का चंद्रयान-3 चांद पर कदम रखने के सफर पर है। अंतरिक्ष मिशन के लिए दुनिया भारत को उम्मीद की नजर से देख रही है। भारत ने 1999 के बाद दुनिया के 34 देशों के 381 उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े हैं। इससे देश की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 27.9 करोड़ डॉलर का राजस्व लाभ हुआ है। इसरो वर्ष 2030 तक अंतरिक्ष में खुद का स्पेस स्टेशन लगाने की योजना बना रहा है।
3.रक्षा क्षेत्र: दुनिया को हथियार दे रहा भारत
भारत दुनिया को हथियार मुहैया करा रहा है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार बीते पांच साल में रक्षा उत्पादों के निर्यात में 334 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। भारत दुनिया के 75 देशों को हथियार और उससे जुड़ी तकनीकें मुहैया करा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर बुलेटप्रूफ जैकेट और दूसरे उपकरण के लिए यूरोप, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और आसियान देश निर्भर हैं।
स्वदेशी युद्धपोत भारतीय सेना की ताकत
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रांत सेना की नई ताकत बना है। 262.5 मीटर लंबे और 61.6 मीटर चौड़े विशालकाय युद्धपोत पर एकसाथ 1600 से अधिक सैनिक तैनात हो सकते हैं। समुद्र की तेज लहरों में 51 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। हेलीकॉप्टर से लेकर घातक हथियार भारत बनाने में सक्षम हुआ है।
4.परमाणु शक्ति: बिजली आपूर्ति की राह आसान हुई
पोखरण में परमाणु परीक्षण कर भारत ने दुनिया को चौंकाया था। भारत परमाणु शक्ति के क्षेत्र में दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। भारत के पास आज के समय कुल 22 परमाणु सयंत्र हैं जिनकी कुल क्षमता 6780 मेगावाट से अधिक है। छह हजार मेगावाट के आठ नए संयंत्रों का निर्माण कार्य देश के अलग-अलग हिस्सों में जारी है।
परमाणु हथियारों का बड़ा जखीरा
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार भारत के पास 164 परमाणु हथियारों का जखीरा है। भारत के पास मौजूद परमाणु हथियार लड़ाकू विमान और मिसाइल के जरिए छोड़े जा सकते हैं। दुनियाभर में 12,512 परमाणु वॉरहेड जनवरी 2023 में थे। अमेरिका और रूस के पास दुनिया के 90 फीसदी परमाणु हथियार हैं।
विकास के पथ पर अग्रसर भारत
1.देश में राष्ट्रीय राजमार्ग का दायरा 1.45 लाख किलोमीटर से अधिक हुआ।
2.देश में बीते 15 साल में करीब 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।
3.आजादी के बाद महिला साक्षरता दर 9 फीसदी से बढकर 68 फीसदी हुई है।
4.विश्व बैंक के अनुसार देश् में शिक्षित पुरुषों की दर 84.7 फीसदी हो गई है।
5.देश के 704 मेडिकल कॉलेजों में 1,07,948 एमबीबएस सीटों पर पढ़ाई जारी।
6.देश में 23 आईआईटी और 20 आईआईएम में हजारों सीटों पर पढ़ाई जारी।
7.कोरोना महामारी के बीच 18 महीने में टीके की 200 करोड़ डोज लगाई गई।
दुनिया को हमने सिखाए ये पांच मूल्य
1.धार्मिक आजादी: भारत ने दुनिया को धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाया है। सभी धर्मों को एकसाथ लेकर चलने और सबका सम्मान ही भारत की प्रथम पहचान है।
2.वसुधैव कुटुंबकम: इसके तहत भारत ने दुनिया को एक परिवार बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय मंच से वसुधैव कुटुंबकम के लीक पर आगे चलने की अपील कर चुके हैं।
3.योग: स्वस्थ दुनिया के निर्माण के लिए भारत के योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दुनिया के 180 देशों ने एकसाथ योग किया।
4.पारंपरिक चिकित्सा: डब्ल्यूएचओ ने दुनिया का पहला ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर गुजरात के जामनगर में खोला है। इसके लिए 25 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
5.सहयोग की भावना: भारत दुनिया का मददगार रहा है। श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच मददगार बना। कोरोना के दौर में दुनिया के 150 देशों को टीका मुहैया कराया।
खिताब का ख्वाब भी सच हुआ
1.क्रिक्रेट में भारत दो बार वर्ष 1983 और 2011 में विश्वकप विजेता बना है।
2.टोक्यो ओलंपिक्स में नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में देश को सोना दिलाया।
3.पिछले तीन ओलंपिक में भारत को बॉक्सिंग में तीन कांस्क पदम मिला है।
4.एशियन चैंपियनशिप ट्रॉफी में जीत के बाद पुरुष हॉकी टीम तीसरे नंबर पर।
5.नाटू-नाटू को ऑस्कर मिला, अबतक देश में कुल 10 ऑस्कर पुरस्कार आए हैं।
युद्ध के मैदान में विजय
भारत ने युद्ध के मैदान में पाकिस्तान को 1971 और 1999 में पटखनी दी है। सीमा पर आंख तरेर रहे चीन को भी भारत ने माकुल जवाब दिया है। भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेख पर कुल 10,023 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़क का निर्माण किया है। भारत सरकार चीन सीमा पर 37 और सड़क बनाने की तैयारी कर रही है। इसपर कुल 13 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
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