
नई दिल्ली: देश में लोकसभा चुनाव का महापर्व जारी है. लोकसभा चुनाव के लिए चार चरणों की वोटिंग हो चुकी है और पांचवें चरण का मतदान सोमवार को जारी है. इस बीच एक महिला अपने मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. मगर सुप्रीम कोर्ट ने उस बुजुर्ग महिला को राहत नहीं दी. दरअसल, यह महिला पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान की इजाजत मांग रही थी, मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया. महिला ने अपनी याचिका में कहा कि उसी बीमारी है और वह बिस्तर पर रहने को मजबूर है.
दरअसल, याचिकाकर्ता महिला ऑस्टियोआर्थराइटिस की गंभीर समस्या से जूझ रही है. इसकी वजह से वह बिस्तर पर पड़े रहने को मजबूर है. महिला की उम्र 78 साल है और वह पोस्टल बैलट के जरिए मतदान की इजाजत मांग रही थी. मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में दखल देने का इच्छुक नहीं है. इससे पहले महिला की मांग को निर्वाचन आयोग का अधिकारी खारिज कर चुका है.
याचिकाकर्ता से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने निर्वाचन अधिकारी को वो बेंचमार्क सर्टिफिकेट नहीं भेजे, जिसके आधार पर आपको पोस्टल बैलट के जरिये वोटिंग की इजाजत मिलती. निर्वाचन अधिकारी ने सभी तथ्यों को देखने के बाद ही आपकी अर्जी को खारिज किया है. हम इसमें दखल नहीं देंगे. बता दें कि नियमों के मुताबिक सिर्फ 85 साल से अधिक उम्र के या फिर 40 फीसदी दिव्यांग लोगों को ही पोस्टल बैलट के जरिए मतदान की सुविधा है.
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