
इन्दौर। पिछले 30 दिनों में शहर (Indore) सहित आसपास के इलाकों में जंहा स्ट्रीट डॉग्स (Stray Dogs) ने 3 हजार 881 रहवासियों (Residents) को अपनी बाइट ( काट कर ) से घायल कर दिया तो वहीं 237 ऐसे पीडि़त (Victim) भी है जो बिल्ली ,बन्दर , चूहों के अलावा खरगोश , गिलहरी सहित अन्य जीव-जंतु कीड़ो के गुस्से का शिकार बन चुके है।
हुकुमचंद पॉलिक्लिनिक लाल अस्पताल प्रमुख डॉक्टर आशुतोष शर्मा ने बताया कि अप्रैल माह में आवारा कुत्तों द्वारा काटे-नोचे गए 3,881 पीडि़तो को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए । जिन पीडि़तों को इंजेक्शन लगाए गए उनमे 782 नाबालिग बच्चे , 631 महिलाए ं और 2468 पुरुष शामिल थे। इसके अलावा जिन 237 पीडितों को एंटी रैबीज सहित टिटनेस के इंजेक्शन लगाए गए उनमे कई पीडि़त तो ऐसे भी थे जो खुद ही के घर के पालतू बिल्ली, खरगोश, घोड़े, गिलहरी जैसे जानवरों के गुस्से का शिकार बने है।
अब तो खरगोश, गिलहरी, घोड़े भी किसी से कम नही
ऐसा नही है कि इंदौर रहवासी सिर्फ स्ट्रीट डॉग्स मतलब आवारा कुत्तों से ही पीडि़त है , लाल अस्पताल हुकुमचंद पॉलिक्लिनिक में एंटी रेबिज या टिटनेस के इंजेक्शन लगवाने पहुंचने वालो में ऐसे पीडि़त भी जो पालतू खरगोश, गिलहरी, घोड़े के गुस्से का शिकार बन चुके हंै। अस्पताल के रिकार्ड में इन्हें जीव-जंतु जानवर की कैटेगरी मतलब अन्य की श्रेणी में लिखा जाता है ।
अन्य जीव-जंतू से पीडि़त
काटने वाले संख्या
बिल्ली 146
बन्दर 023
चूहे 055
अन्य 007
कीड़े 006
कुल 237
स्ट्रीट डॉग्स से घायल
पीडि़त संख्या
नबालिग 0782
महिला 0631
पुरुष 2468
कुल 3881
अन्य श्रेणी में जो सात पीडितो की संख्या है उसमें खरगोश गिलहरी और घोड़े द्वारा सताए गए पीडितो की संख्या है इसके अलावा कीडों द्वारा काटे गए 6 पीडि़त है वह अन्य जीव जंतु कीड़ो से काटे गए पीडि़त है, लेकिन सबसे ज्यादा स्ट्रीट डाग से पीडि़त अस्पताल पहुंच रहे हैं।
डॉक्टर आशुतोष शर्मा
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