
इंदौर। राजस्व के लंबित प्रकरणों को लेकर कलेक्टर ज्यादा सतर्क हो गए हंै। हाल ही में किसान द्वारा आत्महत्या जैसा गंभीर कदम उठाने के बाद अधिकारियों पर कलेक्टर ने विशेष लगाम लगा दी है। अब तक महाअभियान के दौरान निराकृत करने की जगह प्रकरणों को निरस्त किया जाता रहा है, लेकिन कलेक्टर ने 80 फीसदी से अधिक आवेदनों का सकारात्मक निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। विशेष अभियान की लगातार समीक्षा के बावजूद नहीं संभलने वाले राजस्व अधिकारी, कर्मचारियों पर कार्रवाई लगभग तय मानी जा रही है।
इस बार विशेष महाअभियान में कामचोरी करने वाले अधिकारियों पर तबादले का संकट मंडराया हुआ है। जिले में हाल ही में प्रशासनिक तबादले के बाद आधा दर्जन से ज्यादा तहसीलदार तैनात किए गए हैं, वहीं कुछ एसडीएम भी बदले गए हैं। हालांकि अभी इन्हें कोई प्रभार नहीं दिया है, पर सोमवार की समय सीमा संबंधी (टीएल) बैठक की समीक्षा के बाद कुछ तहसीलों के मुख्य चेहरे बदल सकते हैं। लापरवाही करने वालों पर इस बार कलेक्टर की गाज गिर सकती है। वहीं लापरवाही करने वाले कई पटवारी व आरआई भी नप सकते हैं।
निरस्त प्रकरणों का कारण बताना होगा
प्रशासनिक जानकारों के अनुसार इस समय कलेक्टर आशीष सिंह राजस्व के विशेष अभियान में तेजी के लिए लगातार निर्देश दे रहे हैं। वहीं 15 जुलाई तक 31 मई तक के लंबित प्रकरण निपटाने की डेडलाइन तय कर दी है। हाल में उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि लंबित प्रकरणों का निराकरण संतुष्टिपूर्ण होना चाहिए। टारगेट पूरा करने के लिए आवेदक को नाराज कर प्रकरण बंद करने पर उसका स्पष्टीकरण देना होगा। यदि सही नहीं पाया गया तो कार्रवाई होगी। अब तक समीक्षा में हातोद, कनाडिय़ा, देपालपुर और राऊ तहसील में खामियां सामने आई हैं। मतलब इन तहसीलों में फेरबदल की संभावनाएं ज्यादा हैं। इधर, लापरवाही में खुड़ैल, महू, सांवेर और बिचौली हप्सी तहसील भी कलेक्टर के टारगेट पर हैं।
बारिश के कारण टारगेट नहीं हो पाएगा पूरा
ज्ञात हो कि बारिश के दौरान सीमांकन की प्रक्रिया लगभग बंद हो जाती है और ऐसे में विशेष महाअभियान के टारगेट को पूरा करना पटवारी और नायब तहसीलदारों के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा। राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार 26 जून की स्थिति में सांवेर तहसील में कब्जा विवाद के 18 प्रकरण लंबित हैं तो महू के 17 प्रकरण हैं। खुड़ैल तहसील के 11, हातोद के 10 और राऊ के 9 प्रकरणों का निराकरण नहीं हो सका है। बात करें सीमांकन की तो 26 जून की स्थिति में जिले की सभी तहसील और टप्पों के 1877 प्रकरण लंबित हैं। बारिश के समय में सीमांकन काफी कठिन है, इस लिहाज से 15 जुलाई तक टारगेट पूरा होना संभव नहीं है।
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